Shanti Bhushan Passed Away: पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण का निधन, 97 साल की उम्र में ली अंतिम सांस..PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि
Shanti Bhushan Passed Away: पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील शांति भूषण का मंगलवार को निधन हो गया। वह 97 वर्ष के थे। शांति भूषण ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांसें लीं।
Shanti Bhushan Passed Away: पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील शांति भूषण (Shanti Bhushan) का मंगलवार (31 जनवरी) को निधन हो गया। वह 97 वर्ष के थे। शांति भूषण ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांसें लीं। बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। वो काफी बीमार चल रहे थे। शांति भूषण का नाम देश के सम्मानित वकीलों में लिया जाता है। वो सिर्फ देश के पूर्व कानून मंत्री नहीं थे, बल्कि विधि न्यायशास्त्र और संविधान विशेषज्ञ भी थे। कानूनी मुद्दों पर उनकी जबरदस्त पकड़ थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
आपको बता दें, शांति भूषण ने ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में चर्चित मामले में राजनारायण (Rajnarayan) का केस लड़ा था। जिसके बाद 1974 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के पद से हटने का आदेश दिया गया था। शांति भूषण ने मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक भारत के कानून मंत्री के रूप में काम किया।
PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पूर्व कानून मंत्री को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, 'शांति भूषण जी को कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान और वंचितों के लिए बोलने के जुनून के लिए याद किया जाएगा। उनके निधन से दुख हुआ है। उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं। शांति।'
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर लिखा, यह खबर सुनकर गहरा दुख हुआ कि पूर्व केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री शांति भूषण जी नहीं रहे। उनके निधन पर परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। दिवंगत आत्मा के लिए मेरी प्रार्थना। ॐ शांति
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति भूषण को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि देश के पूर्व कानून मंत्री श्री शांति भूषण जी के निधन पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें।
वहीँ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शांति भूषण के निधन पर गहरा शोक जताते हुए ट्वीट करते हुए लिखा, यह खबर सुनकर स्तब्ध और आहत हूं। देश ने हमारे समय के सबसे महान कानूनी दिग्गजों में से एक को खो दिया है। ईश्वर उनकी आत्मा को आशीर्वाद दें।
मास्टर ऑफ रोस्टर' सिस्टम के लिए दी थी याचिका
वर्ष 1980 में शांति भूषण ने एक एनजीओ 'Centre for Public Interest Litigation' की शुरुआत की। इस NGO के जरिए सुप्रीम कोर्ट तक देश हित से जुड़ी कई याचिकाएं पहुंची। पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के पिता थे। शांति भूषण ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर 'मास्टर ऑफ रोस्टर' सिस्टम (Master of Roster System) में बदलाव की मांग की थी। याचिका में गुहार लगाई गई थी, कि रोस्टर के तहत मामलों को किसी पीठ के पास भेजने का सिद्धांत तथा प्रक्रिया तय की जाए। शांति भूषण ने ये याचिका अपने बेटे प्रशांत भूषण के जरिये दायर की थी।
तल्ख़ टिप्पणियों के लिए जाने जाते थे
शांति भूषण (Shanti Bhushan) अपनी तल्ख राजनीतिक टिप्पणियों के लिए भी मशहूर रहे हैं। उनके बेटे प्रशांत भूषण का जब से आम आदमी पार्टी (AAP) से कोई संबंध नहीं रहा, उन्होंने कई मौकों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। कुछ वर्ष पहले शांति भूषण एक बयान में यहां तक कह गए कि अरविंद केजरीवाल का समर्थन करना हमारी भूल थी। उनका मानना था कि बदलते समय में आम आदमी पार्टी लोकतांत्रिक राजनीति नहीं कर रही। जिस तरह से प्रशांत भूषण को पार्टी से निकाला गया, वो गलत था। पार्टी अलग है और उसकी सोच भी अलग है।