Mahua Moitra: संसद से निष्कासित महुआ की कम नहीं हो रही मुश्किलें, अब घर खाली करने का मिला नोटिस

Mahua Moitra: दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर भी खतरा मंडराने लगा है। जानकारी के मुताबिक, महुआ को 30 दिन में सरकारी आवास खाली करने का नोटिस थमाया गया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-12-12 07:35 GMT

Mahua Moitra  (photo: social media )

Mahua Moitra: तृणमुल कांग्रेस की तेजतर्रार महिला नेत्री महुआ मोइत्रा की मुश्किलें एक के बाद एक कर बढ़ती जा रही हैं। कैश फॉर क्वेरी मामले में दोषी पाए जाने के बाद एथिक्ट कमेटी की सिफारिश पर उन्हें संसद से निष्कासित किया जा चुका है। अब दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर भी खतरा मंडराने लगा है। जानकारी के मुताबिक, महुआ को 30 दिन में सरकारी आवास खाली करने का नोटिस थमाया गया है।

लोकसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार को महुआ मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासन की अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना में कहा गया कि 8 दिसंबर 2023 की दोपहर से महुआ मोइत्रा लोकसभा की सदस्य नहीं रहेंगी। स्पीकर ओम बिरला ने महुआ के निष्कासन की जानकारी देते हुए कहा था, यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था। इसलिए उनका संसद में बने रहना उचित नहीं है।

टीएमसी नेता ने लोकसभा स्पीकर के इस फैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शीर्ष अदालत ने फिलहाल याचिका पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की है। महुआ मोइत्रा 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थी।

अपने निष्कासन पर क्या बोली थीं महुआ ?

महुआ मोइत्रा ने इस फैसले को लेकर बीजेपी पर जोरदार हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि मैं 49 साल की हूं। मैं अगले 30 सालों तक आपसे संसद के अंदर और बाहर हर जगह लड़ूंगी। ये आपके अंत की शुरूआत है। कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के बाकी दलों ने भी महुआ को अपना समर्थन दिया है।

क्या है पूरा मामला ?

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को 'री-इमरजेंस ऑफ नेस्टी कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट' नाम से एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें आरोप लगाया गया कि पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को सदन में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश मिला। गोड्डा सांसद ने स्पीकर को लिखे लेटर के साथ एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी भी लगाई थी।

रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि उनके पास महुआ मोइत्रा का लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड था। इससे वे खुद ही महुआ की तरफ से सवाल डालते थे। कारोबारी द्वारा आगे कहा गया कि महुआ का मकसद पीएम मोदी को बदनाम करना था। कारोबारी ने 19 अक्टूबर को जो एफिडेविट कमेटी को सौंपा था, उसमें ये बातें दर्ज थीं।

महुआ ने अगले दिन यानी 20 अक्टूबर को सरकार पर दर्शन के सिर पर बंदूक रखवाकर एफिडेविट साइन करवाने का आरोप लगाया था। 9 नवंबर को एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयारी की थी, जिसमें महुआ को संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। शीतकालीन सत्र शुरू होन के बाद इसे लोकसभा में पेश किया गया। महुआ ने इस मामले को झूठा बताते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और अपने पूर्व प्रेमी जय अनंत के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है।

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