आप खून-पसीने की कमाई बैंकों में जमा करते रहे, यहां चुपके से काट लिए इतने रूपये

स समय देश के ज्यादातर बैंक घाटे की भरपाई करने में जुटे हुए हैं। बैंकों ने ऐसे-एसे शुल्क लगा दिए हैं जिन्हें इससे पहले कभी भी ग्राहकों से नहीं लिया गया।

Update: 2020-10-31 11:41 GMT
25-30 साल पहले ग्राहकों के लेनदेन का ब्योरा बैंक रजिस्टर में दर्ज करते थे, जिसे फोलियो कहा जाता था। पहले हाथ से फोलियो पर एक-एक राशि चढ़ाई जाती थी, तब बैंक इसका कोई शुल्क ग्राहकों से नहीं वसूलते थे।

नई दिल्ली: 1 नवंबर से बैंकों में अब अपना पैसा जमा करने और निकालने के लिए भी फीस देनी पड़ेगी। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने इसकी शुरुआत भी कर दी है।

कल यानी की रविवार से तय सीमा से ज्यादा बैंकिंग करने पर अलग से शुल्क देना होगा। बीओबी के बाद अब माना जा रहा है कि बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, एक्सिस और सेंट्रल बैंक भी ऐसा ही कदम जल्द उठा सकते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बीओबी ने चालू खाते, कैश क्रेडिट लिमिट और ओवरड्राफ्ट अकाउंट से जमा-निकासी के अलग और बचत खाते से जमा-निकासी के अलग-अलग शुल्क तय कर दिए हैं।

अगर आप लोन अकाउंट के लिए महीने में तीन बार के बाद जितनी बार भी ज्यादा पैसा निकालेंगे, उसके लिए 150 रुपये हर बार पे करने पड़ेंगे।

इतना ही नहीं बचत खाते में तीन बार तक जमा करना कोई चार्ज नहीं देना होगा लेकिन चौथी बार जमा किया तो 40 रुपये अलग से देने होंगे। इस बार वरिष्ठ नागरिकों को भी बैंकों ने कोई रियायत नहीं दी है।

बैंक( फोटो-सोशल मीडिया)

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अब सीधे पड़ेगी जेब पर मार

1-एक दिन में एक लाख तक जमा - निशुल्क

2-एक लाख से ज्यादा होने पर - एक हजार रुपये पर एक रुपए चार्ज (न्यूनतम 50 रुपये और अधिकतम 20 हजार रुपये)

3-एक महीने में तीन बार पैसा निकालने पर- कोई शुल्क नहीं

4-चौथी बार से- 150 रुपये प्रत्येक विड्रॉल

बचत खाता ग्राहकों के लिए

1-तीन बार तक जमा - निशुल्क

2-चौथी बार से देना होगा - 40 रुपये हर बार

3-महीने में तीन बार खाते से पैसा निकालने पर- कोई शुल्क नहीं

4-चौथी बार से पैसा निकालने पर देना होगा- 100 रुपये हर बार

5-वरिष्ठ नागरिकों को कोई छूट नहीं मिलेगी। उन्हें भी शुल्क देना होगा

6-जनधन खाताधारकों को जमा करने पर कोई शुल्क नहीं देगा होगा लेकिन निकालने पर 100 रुपये देना होंगे

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बैंक( फोटो-सोशल मीडिया)

बैंकों ने चुपके से लगा दिए ऐसे-ऐसे शुल्क

बता दें कि इस समय देश के ज्यादातर बैंक घाटे की भरपाई करने में जुटे हुए हैं। बैंकों ने ऐसे-एसे शुल्क लगा दिए हैं जिन्हें इससे पहले कभी भी ग्राहकों से नहीं लिया गया। इसी तरह का एक शुल्क है फोलियो चार्ज, जिसे अब लगाया गया है। बैंकों को इससे मोटी कमाई होती है।

25-30 साल पहले ग्राहकों के लेनदेन का ब्योरा बैंक रजिस्टर में दर्ज करते थे, जिसे फोलियो कहा जाता था। पहले हाथ से फोलियो पर एक-एक राशि चढ़ाई जाती थी, तब बैंक इसका कोई शुल्क ग्राहकों से नहीं वसूलते थे।

आज डिजिटल दौर में सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक फोलियो बनाता है, ऐसे समय में बैंक ग्राहकों से फोलियो चार्ज ले रहे हैं।

1-लेजर फोलियो चार्ज: 200 रुपये प्रति पेज (किसी भी तरह के लोन पर सीसी या ओडी पर वसूला जाता है।)

2-चेकबुक चार्ज: 3 से 5 रुपये प्रति लीफ (दूसरी चेकबुक पर)

3-किसी भी कारण से चेक वापसी हो गई तो: 225 रुपये

4- चार्ज छोटे लोन पर: अधिकतम 15 हजार रुपये तक

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