Adani Group: बढ़ती जा रही अडानी की आफत, विदेशी बैंकों ने बांड्स की वैल्यू घटाई

Adani Group: अडानी ग्रुप के शेयरों के बाजार मूल्य में अब तक 104 अरब डालर का सफाया हो चुका है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-02-02 12:36 IST

Gautam Adani  (photo: social media )

Adani Group: गौतम अडानी के संकटग्रस्त साम्राज्य में उनके कंपनियों का शेयर वैल्यू घाटा 100 अरब डालर से अधिक का हो गया है। धोखाधड़ी के आरोपों के कारण अडानी की कंपनियों शेयरों में जबर्दस्त गिरावट के चलते कंपनी द्वारा फॉलोऑन शेयर की बिक्री रद करने की घोषणा के बाद भी स्थिति संभलते नहीं संभल रही है। ये शेयर अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के थे जिनकी बिक्री पूरी तरह सब्सक्राइब हो चुकी थी लेकिन इसके बावजूद ये स्टॉक बुधवार को 28 फीसदी गिर गया, जिससे कंपनी को संभावित नुकसान से निवेशकों को बचाने के लिए शेयर बिक्री को छोड़ने की घोषणा करनी पड़ी। ग्रुप के अन्य नौ शेयरों में से अधिकांश में भी गिरावट आई है।

अडानी के बांड पर भी संकट

अडानी ग्रुप के शेयरों के बाजार मूल्य में अब तक 104 अरब डालर का सफाया हो चुका है। अडानी ग्रुप के बांड भी संकटग्रस्त लेवल पर गिर गए हैं और बैंकों ने या तो ऋण के लिए अधिक कोलेटरल यानी गारंटी की मांग करनी शुरू कर दी है या उधार देने के लिए फर्मों के ऋण मूल्य की छानबीन की है।

अब क्या होगा

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अडानी ग्रुप इस उथल-पुथल को नियंत्रण से बाहर होने से रोकने के लिए क्या करेगा? उसके फॉलोओं शेयर बिक्री का क्या होगा? वह अपनी ग्लोबल प्रोफ़ाइल को और कैसे बढ़ाएगा? दरअसल, जोखिम यह भी है कि वर्तमान हालातों में वित्तीय संस्थान ये जांच पड़ताल शुरू कर देंगे कि इस व्यापारिक साम्राज्य में उनके अपने जोखिम क्या हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, सबसे बड़ा जोखिम यह है इन हालातों में कहीं अडानी समूह को फाईनेंसिंग की पहुंच में गंभीर गिरावट का सामना न करना पड़ जाये। ग्रुप की किसी भी कम्पनी में लिक्विडिटी की कमी व्यापक समूह के लिए वित्तपोषण पहुंच पर एक प्रभाव डाल सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह की एक सेकेंडरी पेशकश को रद्द करना असामान्य है। आखिरी मिनट पर ऑफर को वापस खींचना बहुत अधिक आत्मविश्वास को प्रेरित नहीं करता है।

सिटी बैंक और क्रेडिट सुइस

सिटीग्रुप की वित्तपोषण शाखा और क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी, इन दोनों ने बैंक मार्जिन ऋण के लिए कोलेटरल के रूप में अडानी ग्रुप की फर्मों की प्रतिभूतियों की स्वीकृति को रोक दिया है। मतलब ये कि यदि कोई कम्पनी अडानी के बांड की गारंटी के बदले मार्जिन लोन लेना चाहे तो ये दोनों वित्तीय संस्थान अब नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने उन बांड्स की वैल्यू को जीरो कर दिया है। ये बैंक अब अडानी के वित्त की जांच कर रहे हैं।

अडानी ने जताया विश्वास

गौतम अडानी ने एक विडियो संबोधन में कहा है कि अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा अपनी फॉलो-ऑन शेयर बिक्री को वापस लेने के फैसले का उसके मौजूदा संचालन और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी के फंडामेंटल मजबूत हैं। हमारी बैलेंस शीट मजबूत है और संपत्ति मजबूत है। बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे।

बहरहाल, सबकी निगाहें इस बात पर भी टिकी हैं कि क्या सरकार अडानी ग्रुप की गंभीर स्थिति को कम करने में मदद कर सकती है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने भारत के कॉरपोरेट गवर्नेंस पर भी सवाल खड़े किए हैं, वहीं अडानी ने खुद इस रिपोर्ट को देश पर ही हमला बताया है।

क्रेडिट बाजार में भी तनाव

अडानी के शेयर गिरने के साथ साथ आर्थिक तनाव क्रेडिट बाजार में भी दिखाई देने लगा है। अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा जारी किए गए बॉन्ड 1 फरवरी को ग्लोबल सेकेंडरी व्यापार में सबसे अधिक गिरे। आंकड़ों के अनुसार, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन के निवेश ग्रेड बॉन्ड की वैल्यू गिर कर एक डॉलर पर 69.75 सेंट हो गयी, इसी तरह, इसी कंपनी के चार और बॉन्ड संकटग्रस्त स्तर पर आ गए और उनकी वैल्यू 69 सेंट या उससे कम हो गयी। बता दें कि अडानी ग्रुप के पास इस सप्ताह अपने डॉलर बॉन्ड पर $34.7 मिलियन डालर के कूपन भुगतान देय हैं।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, वैल्यूएशन को देखते हुए अडानी समूह के शेयरों में और गिरावट आ सकती है। विदेशी आउटफ्लो तेज होने और बॉन्ड पर डिफॉल्ट होने की स्थिति में बैंक दरवाजे पर दस्तक दे सकते हैं।

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