नई दिल्ली: देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कौशिक बसु ने दूसरी तिमाही के भारतीय आर्थिक वृद्धि के आंकड़े पर निराशा जाहिर करते हुए कहा, कि 'कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के मद्देनजर देश की जीडीपी वृद्धि दर 9 फीसदी से अधिक होनी चाहिए थी।'
मंदी के उचित निदान की जरूरत
विश्व बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके और पूर्व की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में बतौर सीईए अपनी सेवाएं दे चुके बसु ने ट्वीट किया, 'भारत की विकास दर इस समय 6.3 प्रतिशत है। यह 2005-2008 के दौरान 9.5 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।' उन्होंने कहा, 'आज तेल कीमतें इतना नीचे आ गई हैं कि वृद्धि दर वापस 9 प्रतिशत पर आ जानी चाहिए थी। इस भारी मंदी के उचित निदान की आवश्यकता है।'
6.3 प्रतिशत दर्ज की गई थी विकास दर
गौरतलब है, कि पांच तिमाहियों में गिरावट के रुख को पलटते हुए देश की विकास दर सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत दर्ज की गई। यह 2017-18 की पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत थी। पिछले वर्ष की समान तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत थी।
जहां तक तेल कीमतों का सवाल है, भारतीय बास्केट के तेल की कीमत हाल में 60 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर थी। उपलब्ध आंकड़े के अनुसार बुधवार को यह कीमत 61.60 डॉलर प्रति बैरल थी।
आईएएनएस