Ghulam Nabi Azad: नई पार्टी बनाने के बाद CM पद का चेहरा होंगे आजाद, समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफों की झड़ी
Ghulam Nabi Azad: जम्मू कश्मीर में आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफो का दौर जारी है। जम्मू-कश्मीर में अभी तक 15 सौ से अधिक नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
Ghulam Nabi Azad: कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखे हमले के बाद पार्टी से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद जल्द ही अपने नए राजनीतिक दल का गठन करेंगे। जम्मू-कश्मीर में आजाद के करीबी सहयोगी और पूर्व मंत्री जीएम सरूरी का कहना है कि 20 दिनों के भीतर नई पार्टी की घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से गुलाम नबी आजाद मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।
इस बीच जम्मू कश्मीर में आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफो का दौर जारी है। सरूरी ने दावा किया है कि आजाद के समर्थन में जम्मू-कश्मीर में अभी तक 15 सौ से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। आने वाले दिनों में कई और नेता और कार्यकर्ता पार्टी से इस्तीफा देंगे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के जल्द कांग्रेस मुक्त होने का दावा भी किया।
राहुल पर तीखे आरोपों के साथ इस्तीफा
वरिष्ठ नेता आजाद ने शुक्रवार को सबको चौंकाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। कांग्रेस के 50 साल पुराने रिश्ते को तोड़ते हुए आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पेज का तीखा पत्र भी लिखा था। इस पत्र में आजाद ने राहुल के व्यवहार को बचकाना बताते हुए कहा था कि वे खुद कोई फैसले नहीं लेते बल्कि उनके पीए और गार्ड फैसले लेते हैं। उनका यह भी आरोप था कि राहुल के 2013 में उपाध्यक्ष बनने के बाद वरिष्ठ नेताओं और सलाहकारों की उपेक्षा की गई और चाटुकारों की मंडली फैसले लेने लगी।
उन्होंने राहुल को गैर गंभीर व्यक्ति बताते हुए उन्हें पार्टी के शीर्ष पर थोपने की कोशिश का आरोप भी लगाया था। आजाद का कहना था कि भारत जोड़ो यात्रा से पहले देश भर में कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालने की जरूरत है। पार्टी से इस्तीफे के बाद आजाद ने नई पार्टी के गठन का संकेत किया था। अब उस पार्टी के 20 दिनों के भीतर ऐलान की बात सामने आई है।
20 दिनों के भीतर बनेगी नई पार्टी
आजाद के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद ही कांग्रेस छोड़ने वाले सरूरी का कहना है कि आजाद 20 दिनों के भीतर नई राष्ट्रीय पार्टी के गठन का ऐलान करेंगे। उन्होंने कहा कि इस पार्टी की ओर से आजाद को भी जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया जाएगा और इस बाबत विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा धर्मनिरपेक्षता रही है और यह पार्टी भी धर्मनिरपेक्षता की राह पर ही चलने वाली होगी। हम सभी ने आजाद का साथ इसी विचारधारा के लिए दिया है।
सरूरी जम्मू कश्मीर में कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार थे मगर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी दावेदारी को अनदेखा करते हुए विकार रसूल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इसे लेकर भी आजाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज थे।
आजाद के समर्थन में इस्तीफा की झड़ी
आजाद के इस्तीफे के बाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस छोड़ने वालों का सिलसिला काफी तेज हो गया है। आजाद के प्रति एकजुटता दिखाते हुए पार्टी के आठ प्रमुख नेता अभी तक इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें तीन पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। अब तक 15 सौ से अधिक पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। सरूरी ने दावा किया कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के कई और नेता भी पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर कांग्रेस मुक्त होने की ओर बढ़ रहा है और कांग्रेस में कुछ भी नहीं बचेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस से इस्तीफे के बाद आजाद 4 सितंबर को जम्मू-कश्मीर पहुंचेंगे। इस मौके पर आजाद के जोरदार स्वागत के साथ ही उनके समर्थक नेताओं की बड़ी बैठक होगी जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।
आजाद के कार्यकाल में तेज विकास का दावा
जम्मू-कश्मीर में आजाद के करीबी नेताओं का कहना है कि 2005 में राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर का काफी तेज विकास हुआ था। टयूलिप गार्डन से लेकर हज हाउस तक का निर्माण उसी दौर में हुआ था। इसके साथ ही राज्य में तमाम अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नए जिलों का निर्माण और नई परियोजनाओं पर काम भी शुरू किया गया था। सरूरी ने दावा किया कि आजाद का कार्यकाल जम्मू-कश्मीर का स्वर्णिम काल था और उस समय काफी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मुहैया कराया गया।
इसीलिए आजाद को एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने का फैसला किया गया है। उन्होंने दावा किया कि अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के फैसले के समय आजाद अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। वे अकेले ऐसे नेता है जो जम्मू-कश्मीर को विकास विकास के रास्ते पर आगे ले जा सकते हैं।
सियासी जानकारों का मानना है कि अपनी नई पार्टी के ऐलान के बाद आजाद जम्मू-कश्मीर की सियासी पिच पर धुआंधार बैटिंग करेंगे। राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गईं हैं और अब आजाद भी जम्मू-कश्मीर में सियासी सक्रियता बढ़ाकर अपनी दावेदारी मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।