UCC News: गुलाम नबी ने मोदी सरकार को चेताया, बोले- 'यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना आर्टिकल- 370 हटाने जितना आसान नहीं'

Ghulam Nabi Azad On UCC: देश में इस वक़्त समान नागरिक संहिता को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसी मुद्दे पर अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने इसका विरोध किया है।

Update: 2023-07-08 10:51 GMT
गुलाम नबी आजाद (Social Media)

Ghulam Nabi Azad On UCC: देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) यानी यूसीसी पर चर्चा तेज है। लॉ कमीशन (Law Commission) ने देश के लोगों तथा धार्मिक संगठनों से इस मुद्दे पर राय मांगी है। इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के मुखिया गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपनी प्रतिक्रिया दी। आज़ाद ने केंद्र को सलाह दी है कि, 'मोदी सरकार को UCC के बारे में नहीं सोचना चाहिए। क्योंकि, इससे सभी धर्मों के लोग नाराज हो जाएंगे।'

पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने शनिवार (8 जुलाई) को एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, कि 'ये (यूसीसी) अनुच्छेद- 370 (Article- 370) को निरस्त करने जितना आसान नहीं है। क्योंकि, इससे केवल मुस्लिम (Muslim) ही नहीं बल्कि सिख (Sikh), ईसाई (Christian), आदिवासी (Tribals), पारसी (Parsi), जैन (Jain) सहित अन्य भी हैं। उन्होंने कहा, एक ही समय में इतने सारे धर्मों को नाराज करना किसी भी सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा। इस सरकार को मेरी सलाह है कि उन्हें ऐसा कदम उठाने के बारे में कभी नहीं सोचना चाहिए।

पीएम ने छेड़ी बहस, AIMPLB ने किया विरोध
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में अपने भोपाल मध्य प्रदेश दौरे पर जनसभा में समान नागरिक संहिता पर बयान दिया। जिसके बाद देश भर में यूसीसी पर बहस छिड़ गई। इस मसले पर अब पूरे देश में बहस तेज हो गई है। मुस्लिम समाज की तरफ से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस कदम का विरोध किया।
कांग्रेस बोली- बहस के लिए संसद में आया तो...

इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए AIMPLB ने दो दिन पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राकांपा प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। जिसके बाद, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता कहा, 'कांग्रेस ने आश्वासन दिया है कि जब यूसीसी UCC संसद में बहस के लिए आएगा तो पार्टी उनकी चिंताओं पर संज्ञान लेगी।'
आज़ाद बोले- घाटी में 'ऑफिसर सरकार' कब तक?

मीडिया से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों (Jammu-Kashmir Assembly Elections) को लेकर कहा, 'जब साल 2018 में विधानसभा भंग की गई थी, तभी से हम इंतजार कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब होंगे। घाटी के लोग राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल होने की प्रतीक्षा में हैं। कहने का मतलब है कि, चुने हुए प्रतिनिधि विधायक बनें और वह सरकार चलाएं।क्योंकि, लोकतंत्र में ये काम सिर्फ चुने हुए प्रतिनिधि ही कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, भारत ही नहीं पूरी दुनिया के किसी हिस्से में 'ऑफिसर सरकार' 6 महीने से अधिक नहीं चल सकती।'

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