'Rahul Gandhi की वजह से 3 दर्जन लोगों ने छोड़ी कांग्रेस, जिनमें 90% युवा, कांग्रेस आज विकलांग'...बोले गुलाम नबी आजाद

Ghulam Nabi Azad on Congress: गुलाम नबी आजाद की आत्मकथा 'आज़ाद' हल ही में रिलीज हुई है। किताब में उन्होंने कांग्रेस, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़े संदर्भों को पेश किया। अपने इंटरव्यू में उन्होंने पार्टी छोड़ने के कारण गिनाए। उन्होंने कहा, जिस बीमारी की वजह से मैंने कांग्रेस छोड़ी, वो आज भी पार्टी में बरकरार है।

Update:2023-04-09 04:18 IST
गुलाम नबी आजाद (Social Media)

Ghulam Nabi Azad on Congress: कांग्रेस के पूर्व खासमखास और दिग्गज नेता तथा डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (Democratic Azad Party) के चीफ गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) इन दिनों अपनी आत्मकथा 'आजाद' को लेकर सुर्ख़ियों में हैं। गुलाब नबी आजाद इन दिनों अलग-अलग मीडिया संस्थानों को इंटरव्यू दे रहे हैं। साक्षात्कार में आज़ाद ने कांग्रेस, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़े सवालों पर बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'जिस बीमारी की वजह से मैंने कांग्रेस छोड़ी थी, वह कांग्रेस में अभी भी बरकरार है। बल्कि, मर्ज बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने कहा, जो पार्टी कभी पीटी ऊषा की रफ्तार में दौड़ती थी, आज वो विकलांग हो गई है।'

गुलाम नबी आजाद के निशाने पर मुख्यतः राहुल गांधी ही रहे हैं। इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी की वजह से कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी। आजाद आगे कहते हैं, उन्होंने ही नहीं, बल्कि 3 दर्जन लोगों ने राहुल गांधी की वजह से ही कांग्रेस छोड़ी।' आजाद अपने बयान में कांग्रेस के भीतर चाटुकारिता और फैसले लेने में तानाशाही का जिक्र जरूर करते रहे हैं।

आज़ाद बोले- 90 फीसदी यंग ने छोड़ी कांग्रेस

कांग्रेस में चार दशक से भी कहीं अधिक समय गुजारने वाले गुलाम नबी आजाद पिछले एक दशक में पार्टी की बदहाली के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हैं। उन्होंने कहा, 'सबको मालूम है कि सिर्फ मैं नहीं, तकरीबन तीन दर्जन के करीब युवा, बुजुर्ग, उसमें भी 90 फीसदी तो यंग ही हैं, जिन्होंने कांग्रेस छोड़ी है। इसकी वजह सिर्फ वो (राहुल गांधी) हैं।'

'राहुल खुद विवाद पैदा करते हैं'

एक खबरिया चैनल से बातचीत में गुलाम नबी आज़ाद, राहुल गांधी की सांसदी जाने (Rahul Gandhi disqualification) और उनका मकान वापस लिए जाने में हुई कथित जल्दबाजी पर कहते हैं, 'जल्दबाजी तो हुई है।' मगर, वो ये कहने से भी नहीं चूके कि, 'इसमें कोई शक नहीं कि राहुल गांधी जी खुद ही हर वक्त विवाद पैदा करते हैं। बाहर जाएं तो कंट्रोवर्सी, यहां रहें तो कंट्रोवर्सी। ये उनका कसूर है। आज़ाद ने कहा, एक ही एजेंडा पर 9-9 साल रहते हैं। हिंदुस्तान में और भी बड़ी समस्याएं हैं। उनके बारे में चर्चा तक नहीं करते।'

कांग्रेस में एक बीमारी है, जो...

गुलाम नबी आजाद से जब पत्रकार ने कांग्रेस में वापस जाने को लेकर सवाल पूछा, तो उन्होंने कहा कि 'ना तो मुझे कांग्रेस ने बुलाया और ना मैंने कभी वापस जाने की इच्छा प्रकट की। अब मेरी कोई इच्छा भी नहीं है। कांग्रेस में एक बीमारी है, जो बढ़ती जा रही है।' आज़ाद ने कहा, अब मैं कांग्रेस (Congress) में नहीं हूं। वहां जो भी रहे, उससे हमें क्या? जब मैं पार्टी में था तब समय-समय पर मैंने सलाह दी। जो बातें अकेली में कहनी थी, अकेले में ही कही। जो अंदर कहनी थी, वो उचित जगह पर कही।'

G-23 नेताओं द्वारा आलाकमान को लिखी चिट्ठी में क्या?

गुलाम नबी से जब G-23 नेताओं द्वारा लिखी चिट्ठी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया उसमें क्या लिखा था। उन्होंने उस समय कांग्रेस के 23 नेताओं द्वारा पार्टी आलाकमान को लिखे पत्र पर कहा, राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में G-23 की चिट्ठी को देखकर कहा था कि, 'ये तो मोदी ने लिखी है।' आजाद बताते हैं उस चिट्ठी में क्या लिखा था? 'चिट्ठी की शुरुआत में चार पैराग्राफ गांधी-नेहरू परिवार पर ही लिखा था। पंडित नेहरू ने इतना अच्छा काम किया, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से लेकर इंदिरा के काम तक का जिक्र था। राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने जो किया उसकी भी बातें थी। राहुल जी पर भी एक लाइन है उस खत में। इसके साथ ही वो कहते हैं दुर्भाग्य आज कांग्रेस आगे नहीं बढ़ रही है।'

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