Godhra Train Fire Case: गोधरा कांड के 8 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, उम्रकैद की मिली थी सजा

SC On Godhra Train Burning Case: गोधरा कांड में 59 लोग जिंदा जल कर मर गए थे। जिसके बाद राज्यभर में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी। इन सभी आठों दोषियों को निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

Update: 2023-04-21 15:26 GMT
Supreme Court (Pic: Social Media)

SC On Godhra Train Burning Case: सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा में यूपी से गुजरात आने वाली साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को आग के हवाले करने के 8 दोषियों को शुक्रवार को जमानत दे दी है। इस घटना में 59 लोग जिंदा जल कर मर गए थे। जिसके बाद राज्यभर में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी। इन सभी आठों दोषियों को निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। ये बीते 17-18 सालों से जेल में बंद थे।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने उन चार दोषियों की जमानत याचिका रद्द कर दी, जिन्हें निचली अदालत ने मृत्युदंड की सजा दी थी, जिसे बाद में हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था। जिन चार लोगों की जमानत अर्जी खारिज हुई है, वो हैं – अनवर मोहम्मद, सिद्दीक मोहम्मद मोरा, सौकत अब्दुल्ला और मेहबूब याकूब मीठा। इन चारों पर हत्या में सीधे शामिल होने का दोष साबित हुआ है। गुजरात सरकार ने इन्हें मौत की सजा देने की मांग अदालत से की है।

इन दोषियों को मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के जिन 8 दोषियों को जमानत दी है, वो हैं – सोहेब यूसुफ, सुलेमान अहमद, मोहम्मद हनीफ, अब्दुल रउफ इब्राहिम अब्दुल रज्जाक, अयूब अब्दुल गनी, अब्दुल सत्तार गद्दी और यूनुस अब्दुल हक। शीर्ष अदालत ने इनके लंबे समय तक जेल में रहने और हत्या में सीधा शामिल न होने को लेकर जमानत दी है। बीते साल दिसंबर में भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के एक दोषी फारूक को जमानत दी थी। उस पर जलते डिब्बे से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे लोगों पर पत्थर फेंकने का दोष साबित हुआ था। वह 17 साल जेल में बिता चुका था।

गोधरा कांड में 11 को मिली थी मौत की सजा

गोधरा कांड के कुल 31 दोषियों में से 11 को निचली अदालत ने मृत्युदंड की सजा दी थी। जबकि 20 को उम्रकैद की सजा दी गई थी। इस सजा के खिलाफ सभी दोषी हाईकोर्ट चले गए थे। अक्टूबर 2017 में गुजरात उच्च न्यायालय ने 11 दोषियों को मिले मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। वहीं, उम्रकैद की सजा पाने वाले दोषियों की सजा बरकरार रखी गई थी। ये मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

नरोदा दंगे के सभी आरोपी बरी

2002 के गुजरात दंगों के दौरान नरोदा में भी भयानक दंगा हुआ था। इस हिंसा में 11 लोग मारे गए थे। 21 साल तक चली सुनवाई के बाद गुरूवार को अहमदाबाद की सेशन कोर्ट ने मामले में आरोपी बनाए गए सभी 67 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस केस में गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत वीएचपी के कई नेता आरोपी बनाए गए थे। जिनमें से कईयों की तो इन वर्षों में मौत भी हो गई। पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है।

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