सोना बेहद सस्ता: खरीदारी का आखिरी मौका, आज निवेश पर मिलेगा बड़ा फायदा

अगर आप फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो आपको कुल कीमत पर जीएसटी भी चुकाना होता है लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में GST नहीं देना होता। इसके अलावा मैच्योरिटी के वक्त कोई भी कैपिटल गेंस बिल्कुल टैक्स फ्री होता है।

Update: 2020-10-16 14:40 GMT

लखनऊ: कोरोना संकट के बीच सोने के दाम में पहले भारी गिरावट आई हालाँकि बाद में सोना चंडी महंगा होने लगा। लेकिन अब त्यौहार का समय आ गया है, ऐसे में दिवाली के लिए पहले से ही सस्ता सोना खरीद कर रख लें क्योंकि फिर सोने के भाव बढ़ जायेंगे। इसके अलावा सरकार भी आपको सोना सस्ता खरीदने का एक आखिरी मौक़ा दे रही है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की सातवीं सीरीज खत्म होने वाली

दरअसल, सरकार ने जनवरी में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2020-21 की सातवीं सीरीज की शुरुआत की थी, जिसकी आखिरी तारीख आ गयी है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। होता ये है कि इस योजना में ग्राहक फिजिकल गोल्ड की जगह डिजिटल गोल्ड हासिल करते हैं। जिसे सुरक्षित रखा जा सकता है।

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्ट करने वाले ग्राहक को सोना भौतिक तौर पर नहीं मिलता बल्कि डिजिटल गोल्ड दिया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता विश्वनीय होती है और अधिक सुरक्षित भी होता है। इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। ग्राहक इसका इस्तेमाल लोन के लिए कर सकते हैं। वहीं पांच साल के बाद कभी भी इसका रिडेंप्शन किया जा सकता है।

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गोल्ड बॉन्ड की कीमत:

इसके लिए रेट रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने तय किया है। गोल्ड रेट का प्राइस 5,051 रुपये प्रति ग्राम निर्धारित है। यानि 10 ग्राम सोने का भाव 50510 रुपये होगा। वहीं गोल्ड बांड के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने और डिजिटल पेमेंट करने पर 50 रुपये की छूट मिलेगी। ऐसे में इसका भाव 5001 रुपये प्रति 1 ग्राम पड़ेगा।

गोल्ड बांड लम्बे समय का निवेश है, जिसका मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का है। हालाँकि निवेशक 5वें साल से इसको भुना सकते हैं। उस वक्त के मार्केट प्राइज के हिसाब से निवेशक को गोल्ड का भाव मिलेगा।

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गोल्ड बॉन्ड का क्या फायदा:

अगर आप फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो आपको कुल कीमत पर जीएसटी भी चुकाना होता है लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में GST नहीं देना होता। इसके अलावा मैच्योरिटी के वक्त कोई भी कैपिटल गेंस बिल्कुल टैक्स फ्री होता है। ये छूट सिर्फ गोल्ड बॉन्ड्स में ही मिलती है। एक वित्त वर्ष में निवेशक 4 किलो तक गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं, जिसके लिए सरकार ग्राहक को सालाना 2.5 परसेंट का ब्याज भी देती है। यानी आपको सोने की बढ़ती कीमतों के अलावा ब्याज भी अलग से मिलता है।

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