Gorakhpur Siliguri Expressway: यूपी में बन रहा सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे, जानिये क्या है रूट और कितने हैं टोल प्लाजा

Gorakhpur Siliguri Expressway: यूपी में फिलहाल सबसे बड़ा एक्‍सप्रेसवे गंगा एक्‍सप्रेसवे बन रहा है।

Report :  Sonali kesarwani
Update:2024-10-06 10:12 IST

Gorakhpur Siliguri Expressway

Gorakhpur Siliguri Expressway: गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना है, जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से जोड़ेगी। यह एक्सप्रेसवे दोनों शहरों के बीच एक तेज, सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा प्रदान करेगा, जिससे यात्रा का समय कम होगा और ट्रांसपोर्ट के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग साबित होगा। यह एक्सप्रेसवे भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और नेपाल से कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगा।

यह एक्‍सप्रेसवे नेपाल सीमा पर स्थित यूपी के दो प्रमुख जिलों को भी जोड़ेगा और कुल 22 जिलों को इसका फायदा होगा। इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से गोरखपुर और हरिद्वार के बीच की दूरी सिर्फ आठ घंटे की रह जाएगी। गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक बनने वाले इस एक्‍सप्रेसवे की कुल लंबाई 750 किलोमीटर की होगी। 

क्या होगा रुट 

यह एक्सप्रेसवे राज्य के कुल 22 जिलों को जोड़ेगा। यह गोरखपुर से निकलकर सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्‍ती, बहराइच और शामली के रास्‍ते पानीपत तक जाएगा। राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पूर्वी उत्‍तर प्रदेश को पश्चिमी क्षेत्र से जोड़ने के लिए रूट का सर्वे भी शुरू कर दिया है। एनएचएआई ने पहले इस एक्‍सप्रेसवे को गोरखपुर से शामली तक बनाने की बात कही थी और डीपीआर भी बनाकर भेज दिया था। लेकिन, अब इसकी लंबाई बढ़ाने पर विचार किया जा रहा और इसे गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक ले जाया जाएगा। आपको बता दें कि फिलहाल यूपी में सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे गंगा एक्सप्रेस वे है। इसे जनवरी में लगने वाले महाकुंभ से पहले तैयार कर लिया जाएगा। इस एक्‍सप्रेसवे की लंबाई 550 किलोमीटर है, जबकि नया बनने वाला एक्‍सप्रेसवे इससे 200 किलोमीटर ज्‍यादा लंबा रहेगा। 

गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे का निर्माण कैसे होगा 

गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे में कुल चार लेन होंगे। जिसमे प्रवेश नियंत्रित रहेगा। यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना होगी। जिसमें इसे छह लेन में विस्तारित करने तथा असम में सिलीगुड़ी से गुहावटी तक विस्तार करने का प्रावधान होगा। इसका संरेखण मुख्यतः उत्तरी ओर भारत नेपाल सीमा के साथ तथा दक्षिणी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग 27 के साथ होगा। परियोजना में सुरक्षा दायित्व सीमा और प्रदर्शन गारंटी सुनिश्चित करने के लिए इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण प्रौद्योगिकी का निर्माण किया जायेगा। 

कितने होंगे टोल प्लाज़ा

अभी इस प्रोजेक्ट की सटीक जानकारी में टोल प्लाज़ा की संख्या और स्थान की पुष्टि पूरी तरह से नहीं हुई है, क्योंकि यह अभी विकास के चरण में है। आमतौर पर इस तरह के लंबे एक्सप्रेसवे पर 4 से 6 टोल प्लाज़ा हो सकते हैं, लेकिन यह राज्य और राष्ट्रीय टोल नियमों के आधार पर तय होगा।

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