PAPER की जगह आ रहे हैं PLASTIC के नोट, 5 चुने हुए राज्यों में हो सकता है TRIAL
प्लास्टिक नोटों के प्रचलन में आने के बाद नकली नोटों पर नकेल लगाई जा सकेगी। इनकी नकल मुश्किल होने के अलावा ये करेंसी कागज के नोटों की तुलना में लंबे समय तक सुरक्षित भी रहेगी। अध्ययन के अनुसार प्लास्टिक करेंसी का जीवन करीब पांच साल का होगा।
नई दिल्ली: जल्द ही देश में कागज की जगह प्लास्टिक के नोट ले लेंगे। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में एक लिखित जवाब में दी। परीक्षण के लिए, शुरुआत में इन नोटों को भौगोलिक अध्ययन के अनुसार कुछ खास शहरों में जारी किया जा सकता है।
प्लास्टिक के नोट
-सरकार ने प्लास्टिक या पॉलिएस्टर की परत वाली करेंसी की छपाई का निर्णय लिया है।
-इन नोटों की छपाई के लिए जरूरी मैटीरियल की खरीद की प्रक्रिया जारी है।
-प्लास्टिक नोटों के प्रचलन में आने के बाद नकली नोटों पर नकेल लगाई जा सकेगी।
-इनकी नकल मुश्किल होने के अलावा ये करेंसी कागज के नोटों की तुलना में लंबे समय तक सुरक्षित भी रहेगी।
-अध्ययन के अनुसार प्लास्टिक करेंसी का जीवन करीब पांच साल का होगा।
-यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी
-लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री से पूछा गया था कि क्या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से कागज की जगह प्लास्टिक नोट लाने का कोई प्रस्ताव है?
चुने गए थे 5 राज्य
-इससे पहले फरवरी 2014 में सरकार ने संसद को बताया था कि फील्ड ट्रायल के तौर पर 10-10 रुपए के प्लास्टिक नोट जारी किए जाएंगे।
-सरकार ने बताया था कि भौगोलिक स्थिति और जलवायु के आधार पर इन्हें पांच शहरों में उतारने का फैसला किया गया है।
-10 रुपये मूल्य वाले ऐसे एक अरब प्लास्टिक नोटों को भुवनेश्वर, कोच्चि, जयपुर, शिमला और मैसूर में लाने का फैसला किया गया था।
बिना थ्रेड वाले नोटों की जांच
-एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि आरबीआई को 2015 में 1,000 रुपये के बिना सिक्यॉरिटी थ्रेड वाले कुछ नोट मिले थे।
-ये नोट, करेंसी नोट प्रेस, नासिक में छपे थे। इसका पेपर सिक्योरिटी पेपर मिल ने जारी किया था। इसकी जांच चल रही है। जुर्माने की चार्जशीट भेजी गई है और विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है।
-मेघवाल ने बताया कि भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए नोट मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में क्वॉलिटी प्रोसीजर और ऑनलाइन इन्सपेक्शन को ज्यादा सक्षम किया जा रहा है।