आगरा: केंद्र की मोदी सरकार और यूनाइटेड नेशन एनवायरमेंट प्रोग्राम (यूएनईपी) के प्लास्टिक फ्री नारे को अमल में लाने के लिए विश्व विरासत ताजमहल को प्लास्टिक मुक्त करने की कवायद शुरू हो रही है।
आगरा प्रशासन के अनुसार ताजमहल में जुलाई से प्लास्टिक बोतल अंदर ले जाने पर रोक लग सकती है। ताजमहल के अंदर और इसके 500 मीटर के दायरे को प्लास्टिक मुक्त करने के फैसले के बाद सबसे पहले प्लास्टिक बोतलों को हटाने की तैयारी है। हर साल मार्च से लेकर सितंबर तक गर्मी ज्यादा होने के कारण पानी की बोतलें ज्यादा अंदर जाती है। सुरक्षा कारणों से स्टील की बोतल की अनुमति नहीं है इसलिए प्लास्टिक की बोतल ही अंदर ले जाने की अनुमति है।
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हर दिन ताजमहल में 12 से 20 हजार तक पानी की प्लास्टिक बोतलों का कचरा निकलता है। इस प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन भीड़ और गर्मी के कारण मुश्किल हो रहा है। ऐसे में नए आरओ प्लांट लगाकर और ताज के अंदर और बाहर कई जगह पेयजल सुविधा देकर प्लास्टिक बोतलों को बंद करने की तैयारी है। ऐ एसआई, मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन बोतलों का विकल्प तलाश रहा है। लेकिन अभी भी जो इंतेजाम है ताज के अंदर पीने के पानी के लिए वो नाकाफी है।
राष्ट्रीय स्मारक समिति के अध्यक्ष मुन्नवर अली ने कहा कि जिस तरह से प्रशासन और अन्य विभाग पानी के लिए आर ओ प्लांट लगाने की बात कर रहा है वही पर्यटकों का मानना है ऐसे में जहां पहले टिकट के लिए लाइन लगती है अब पानी पीने के लिए भी लाइन लगानी पड़ेगी।
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पर्यटकों का मानना है अगर पानी की बोतल को बैन किया गया तो कहीं न कहीं पर्यटक परेशान ही होंगे। अब देखने वाली बात है की अब प्रशासन और अन्य विभाग क्या कदम उठाते हैं जिससे पर्यटकों को परेशानी न हो।