मूडीज ने उठाए आधार की सुरक्षा-गोपनीयता पर सवाल, सरकार ने किया खारिज; दिया कड़ा जबाव
Moody Report on Aadhaar: मंत्रालय ने कहा कि चेहरे के प्रमाणीकरण और आईरिस प्रमाणीकरण जैसे संपर्क रहित माध्यमों से भी बायोमेट्रिक सबमिशन संभव है।
Moody Report on Aadhaar: मूडीज इन्वेस्टर्स ने 21 सितंबर को आधार कार्ड पर लोगों की जुड़ी सुरक्षा के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट ने मूडीज ने देश की गर्म और आर्द्र जलवायु के कारण आधार प्रणाली को अविश्वसनीय करार दिया था। मूडीज की इस रिपोर्ट पर भारत सरकार ने अपना जवाब दिया है और इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने रिपोर्ट के जवाब में कहा कि निवेशक सेवा ने बिना किसी सबूत या आधार का हवाला दिए आधार के खिलाफ व्यापक दावे किए हैं, बल्कि आधार दुनिया में सबसे सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी है।
मनरेगा योजना के संदर्भ पर सरकार ने दिया यह जबाव
मंत्रालय ने कहा कि 1 अरब से अधिक भारतीयों ने 100 अरब से अधिक बार खुद को प्रमाणित करने के लिए आधार का उपयोग करके उस पर अपना भरोसा व्यक्त किया है। रिपोर्ट में मनरेगा योजना का संदर्भ देते हुए कहा गया कि भारत के गर्म और उमस भरे क्लाइमेट में आधार के बायोमेट्रिक सिस्टम पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। कभी-कभी यह सही तरीके से काम नहीं करता है, जिससे मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इस पर सरकार ने कहा कि मूडीज द्वारा उठाए गए मुद्दों के संबंध में तथ्यों का पता लगाने का कोई प्रयास नहीं किया। मूडीज इस बात से अनभिज्ञ है कि मनरेगा डेटाबेस में आधार की सीडिंग कार्यकर्ता को उनके बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके प्रमाणित करने की आवश्यकता के बिना की गई है, और यहां तक कि योजना के तहत श्रमिकों को भुगतान भी सीधे क्रेडिट करके किया जाता है। कार्यकर्ता को अपने बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है।
इसके बिना भी आधार वेरिफाई संभव
मंत्रालय ने कहा कि चेहरे के प्रमाणीकरण और आईरिस प्रमाणीकरण जैसे संपर्क रहित माध्यमों से भी बायोमेट्रिक सबमिशन संभव है। इसके अलावा यूजर्स अपने मोबाइल OTP से भी आधार वेरिफाई करवा सकते हैं। हालांकि मूडीज की रिपोर्ट में इस बात का कोई जिक्र नहीं है।
आधार डेटाबेस में नहीं हुआ कोई उल्लंघन
मंत्रालय ने कहा, किसी पहचान प्रणाली में विश्वास के ऐसे अभूतपूर्व वोट को नजरअंदाज करने का मतलब यह है कि उपयोगकर्ता यह नहीं समझते हैं कि उनके हित में क्या है? उन्होंने कहा कि रिपोर्ट इसके समर्थन में प्राथमिक या माध्यमिक डेटा या शोध का हवाला नहीं देती है। बयान में कहा गया है कि रिपोर्ट में जारी किए गए आधारों की गलत संख्या 1.2 बिलियन बताई गई है। हालांकि वेबसाइट प्रमुखता से अपडेट संख्या देती है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में उल्लिखित सुरक्षा और गोपनीयता कमजोरियों का खुलासा संसदीय सवालों के जवाब में बार-बार किया गया है, जहां संसद को स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है कि आज तक आधार डेटाबेस से कोई उल्लंघन की सूचना नहीं मिली है।
कई विश्व एजेंसियों ने की आधार की सराहना
सरकार ने कहा कि आधार का उपयोग करने वाले एक अरब से अधिक भारतीयों के अलावा आईएमएफ और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी आधार की भूमिका की सराहना की है। सरकार ने कहा कि समान आईडी सिस्टम कैसे तैनात किया जाए, यह समझने के लिए कई देशों ने यूआईडीएआई के साथ भी काम किया है।