गाड़ियों पर लगेगा ग्रीन टैक्स, जानिए इसके बारे में और कैसे वसूलेगी सरकार
सरकार का कहना है कि पुराने वाहनों से प्रदूषण अधिक फैलता है। इसलिए प्रदूषण को कम करने के लिए उसपर जो खर्च आएगा, उसका कुछ हिस्सा पुराने वाहनों से वसूला जाएगा। सरकार ने इस टैक्स को 'ग्रीन टैक्स' नाम दिया है।
नई दिल्ली: बजट से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार आठ साल पुरानेऐसे में फिटनेस प्रमाण पत्र दिए जाने के वक्त इस टैक्स का भुगतान करना होगा।
बता दें कि कई राज्यों में पहले से ही ग्रीन टैक्स लिया जाता है। अब केंद्र की सरकार ने 8 साल से पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने का निर्णय लिया है। इस नियम को नोटिफाई करने से पहले केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास भेजेगी। प्रस्ताव पर इस मामले में राज्यों से सलाह ली जाएगी।
जानिए क्या है ग्रीन टैक्स
सरकार का कहना है कि पुराने वाहनों से प्रदूषण अधिक फैलता है। इसलिए प्रदूषण को कम करने के लिए उसपर जो खर्च आएगा, उसका कुछ हिस्सा पुराने वाहनों से वसूला जाएगा। सरकार ने इस टैक्स को 'ग्रीन टैक्स' नाम दिया है। साफ है कि सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए टैक्स वसूलेगी। ग्रीन टैक्स से मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण में होगा।
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परिवहन मंत्रालय की तरफ से ग्रीन टैक्स लगाने के बारे में बताया गया है कि इस टैक्स से प्राप्त होने वाले राजस्व का इस्तेमाल प्रदूषण को नियंत्रित करने में किया जाएगा। इस प्रस्ताव के मुताबिक ट्रांसपोर्ट वाली गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स, रोड टैक्स के 10 से 25 प्रतिशत की दर से लगेगा।
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अत्यधिक प्रदूषण वाले शहरों में रजिस्टर्ड गाड़ियों पर सबसे अधिक ग्रीन टैक्स (रोड टैक्स का 50%) वसूला जाएगा। डीजल और पेट्रोल इंजन वाली गाड़ियों के लिए अलग-अलग ग्रीन टैक्स स्लैब बनाया जाएगा, लेकिन सीएनजी, एलपीजी, इथेनॉल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां पर ग्रीन टैक्स नहीं वसूला जाएगा। खेती-किसानी से जुड़े वाहनों जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, टिलर को भी ग्रीन टैक्स से बाहर किया गया है।
सरकार ऐसे वसूलेगी ग्रीन टैक्स
फिटनेस सर्टिफिकेट को रिनुअल कराते समय यह टैक्स वसूला जाएगा। अगर 8 साल पुराने वाहन हैं, उसके फिटनेस टेस्ट के दौरान अब ग्रीन टैक्स जोड़कर लिया जाएगा। सरकारी अनुमान के मुताबिक, कमर्शियल वाहनों से 65-70 प्रतिशत प्रदूषण फैलता है। कुल वाहनों में कमर्शियल वाहनों की संख्या करीब 5 प्रतिशत है।
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जबकि निजी वाहनों पर 15 सालों के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यू कराते समय ग्रीन टैक्स लिया जाएघा। सार्वजनिक परिवहन वाहनों जैसे सिटी बसों पर कम ग्रीन टैक्स लगेगाय़ ग्रीन टैक्स से एकत्र होने वाले राजस्व को अलग खाते में रखा जाएगा।
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