नई दिल्ली: आजादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार कहे जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी बिल आखिरकार बुधवार (29 मार्च) को लोकसभा में लंबी बहस के बाद सदन से पारित हो गया। जीएसटी से जुड़े चार बिलों सेंट्रल जीएसटी, इंटीग्रेटेड जीएसटी, यूनियन टेरिटरी जीएसटी और कॉम्पेंसेशन जीएसटी बिलों को लोकसभा ने संशोधनों के बाद पास किया। लंबी बहस के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने चारों जीएसटी बिल के पास होने की घोषणा की।
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी। देशवासियों को बधाई देते हुए पीएम ने कहा, ‘जीएसटी बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई। नया साल, नया कानून, नया भारत।’
अब 31 मार्च को जीएसटी काउंसिल की बैठक होगी। इसमें जीएसटी के नियमों पर सहमति बनाई जाएगी। इसके बाद अप्रैल में किन टैक्स स्लैब में किस वस्तु को रखा जाएगा, उस पर फैसला लिया जाएगा। इनके लिए संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। अब सरकार जीएसटी के इन बिलों को राज्यसभा में विचार-विमर्श के लिए पेश करेगी। क्योंकि सरकार ने जीएसटी बिल को मनी बिल के रूप में पेश किया, ऐसे में उसे राज्यसभा से पारित कराने की जरूरत नहीं है।
'अब पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी'
जीएसटी पर बहस के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, कि 'यूपीए के दौरान राजनीतिक कारण से जीएसटी को लेकर सहमति नहीं थी।' एक अन्य जवाब में जेटली ने कहा, कि 'अब पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी। अभी तक कुछ टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र और राज्यों को अलग-अलग था।
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जेटली ने किया प्रावधानों का जिक्र
लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने इसे 'गेमचेंजर' बताया। सदन में उन्होंने बिल के कुछ प्रावधानों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, कि जीएसटी के तहत खाने-पीने के जरूरी सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। अर्थात, पहला टैक्स स्लैब शून्य होगा जबकि दूसरा स्लैब 5 प्रतिशत और तीसरा स्लैब 12 प्रतिशत और 18 फीसदी का है।
जीएसटी से देश भर में कम होंगे वस्तुओं के दाम
जेटली ने कहा, जीएसटी के लागू होने से देशभर में एक आर्थिक दर होगा। टैक्स से जुड़े मुद्दे मनी बिल का हिस्सा होते हैं। राज्य और केंद्र मिलकर सामान और सेवाओं में टैक्स लगाएंगे। इससे देश भर में वस्तुओं के दाम कम होंगे। जेटली ने कहा, कि जीएसटी से आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जा रहा है। साथ ही सेहत पर बुरा प्रभाव डालने वाले सामानों और विलासिता (लग्जरी) प्रोड्क्स पर ज्यादा टैक्स लगाया गया है।