GST New Rule: जीएसटी बचाना है तो झोला लेकर बाजार जाएं और लूज समान खरीदें

GST New Rule: अब 25 किलोग्राम/लीटर से कम वजन वाले अनाज, दाल और आटे जैसे अनब्रांडेड प्रीपैकेज्ड और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 फीसदी माल और सेवा कर लगा दिया गया है। यानी

Report :  Neel Mani Lal
Update:2022-07-19 11:56 IST

GST New Rule in India (image credit social media)

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GST New Rule: अब 25 किलोग्राम/लीटर से कम वजन वाले अनाज, दाल और आटे जैसे अनब्रांडेड प्रीपैकेज्ड और लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 फीसदी माल और सेवा कर (जीएसटी) लगा दिया गया है। यानी आप किसी स्टोर से 5 किलो आटे का बैग, या आधा किलो दाल या एक किलो लइया का पैकेट खरीदेंगे तो दाम के साथ 5 फीसदी टैक्स देना होगा। यही नहीं, पैकेट बन्द दूध, लस्सी पर भी यही टैक्स लागू हो गया है। आटा, दाल, चावल तो आप झोले में लूज खरीद कर टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन दूध में बचत बहुत मुश्किल है क्योंकि वो तो पैकेट में ही खरीदना मजबूरी है।

यह नई व्यवस्था

पहले सिर्फ ब्रांडेड सामान, यानी पंजीकृत ब्रांड नाम वाले पैकेटबन्द सामान जीएसटी के दायरे में आते थे। लेकिन अब बिना रजिस्टर्ड ब्रांड वाले पैकेटबन्द सामान पर भी जीएसटी लगेगा। 18 जुलाई से पहले, जीएसटी उन सामानों पर लागू होता था, जब उन्हें एक यूनिट कंटेनर में रखा जाता था और एक पंजीकृत ब्रांड नाम होता था। 18 जुलाई 2022 से, इस प्रावधान में बदलाव आया है और जीएसटी को ऐसी 'प्री-पैकेज्ड और लेबल' वाली वस्तुओं की आपूर्ति पर लागू किया गया है। दही, लस्सी, छाछ, पनीर, शहद, मखाना, गेहूं, चावल और मुरमुरे सहित बड़ी संख्या में ऐसे उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला किया गया है।

25 किलो से ज्यादा पर लागू नहीं

अगर अनाज, दाल और आटे जैसी वस्तुओं का एक पैकेज 25 किलोग्राम या 25 लीटर से अधिक का है तो वह जीएसटी के लिए पूर्व-पैक और लेबल वाली वस्तु की श्रेणी में नहीं आएगा। सीधी सी बात ये कि 50 किलो आटे या चावल का बोरा जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा। यानी कोई खुदरा दुकानदार 25 किलोग्राम का बोरा खरीद कर लोगों को फुटकर में समान बेचता है तो उसपर जीएसटी नहीं लगेगा। लेकिन अगर बड़े बोरे में सामान खरीदकर उन्हें छोटे छोटे पैकेट में बन्द करके बेचा जाता है तो उनपर जीएसटी लगेगा।

जीएसटी के तहत पूर्व-पैक और लेबल वाली वह वस्तुएं कवर होंगी जिनके लिए कानूनी माप विज्ञान अधिनियम, 2009 के तहत एक घोषणा की आवश्यकता होती है। इस अधिनियम के तहत, खुदरा के साथ-साथ थोक पैकेज पर एक अनिवार्य घोषणा छापनी होती है। इस प्रकार, निर्दिष्ट वस्तुओं के थोक पैकेज (अपंजीकृत ब्रांड के साथ) भी जीएसटी के दायरे में आते हैं।

अधिनियम के अनुसार, पहले से पैक की गई वस्तुओं में विशिष्ट विवरण के साथ एक लेबल होना आवश्यक है, जिसमें निर्माता या पैकर का नाम और पता, पैकिंग का महीना और वर्ष, वजन मात्रा, माप या संख्या, अधिकतम खुदरा मूल्य और कस्टमर केयर फोन नंबर दिया गया होता है। सीलबंद पैकेट या रबर बैंड या सुतली से बंधे पैकेटों में पैक की गई वस्तुओं पर भी अनिवार्य लेबल होना चाहिए।

इन पर भी ध्यान दें

- दही, पनीर, शहद, आटा, मटन और मछली उत्पादों सहित पैक और लेबल वाले उत्पादों पर 5 फीसदी जीएसटी।

- टेट्रा पैक वाली वस्तुओं पर जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है।

- डेयरी मशीनों, पानी के पंपों, फलों, सब्जियों आदि को अलग करने की मशीन, सर्किट बोर्ड, साइकिल पंप आदि के लिए जीएसटी 18 फीसदी होगा जबकि पहले यह 12 फीसदी था।

- एटलस, ग्लोब या मानचित्र, एलईडी लैंप, बल्ब, स्याही पर जीएसटी अब 18 फीसदी है जबकि पहले यह 12 फीसदी था।

- ब्लेड, चाकू, पेंसिल शार्पनर, कांटे, चम्मच पर जीएसटी बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।

- नारियल के पानी पर जीएसटी अब 12 फीसदी है।

- सोलर वॉटर हीटर, तैयार चमड़े पर 5 फीसदी से बढ़ा कर 12 फीसदी।

- कटे और पॉलिश किए गए हीरे के लिए 0.25 फीसदी से बढ़ा कर 1.5 फीसदी।

- चेक बुक के लिए 18 फीसदी जीएसटी लगेगा।

- शेयर का काम करने वालों को सेबी की फीस के ऊपर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा।

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