Gujarat Assembly Election 2022: चुनाव प्रचार के दौरान खूब चले सियासी तीर,रावण से लेकर सद्दाम हुसैन तक की चर्चा

Gujarat Assembly Election 2022: पहले चरण के चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के सियासी तीरों से राज्य में सियासी घमासान का नजारा दिखा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-12-01 05:56 GMT

Gujarat Assembly Election 2022 (photo: social media )

Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में पहले चरण वाली 89 सीटों पर आज मतदान हो रहा है। पहले चरण की इन सीटों को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। पहले चरण में सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की 89 सीटों पर किस्मत आजमाने के लिए 788 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं।

गुजरात के चुनावी रण में इस बार चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न सियासी दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर सियासी तीर छोड़े। इन नेताओं ने मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। चुनाव के दौरान औकात दिखाने से लेकर रावण और सद्दाम हुसैन तक की गूंज सुनाई पड़ी। पहले चरण के चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के सियासी तीरों से राज्य में सियासी घमासान का नजारा दिखा।

पीएम मोदी की मां पर टिप्पणी से बवाल

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीराबेन पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर खूब हंगामा हुआ। चुनावी घमासान के दौरान इटालिया के कई वीडियो जारी करके भाजपा की ओर से आप की घेरेबंदी की गई। भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया जताए जाने के बाद आप नेता बैकफुट पर दिखे।

खास तौर पर इटालिया की ओर से पीएम मोदी की मां हीराबेन को नौटंकीबाज कहे जाने पर जमकर हंगामा हुआ। इस मामले को लेकर इटालिया के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी और उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। भाजपा की ओर से यह मामला जोर-शोर से उछाला गया जिसकी इटालिया और आप को सियासी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

औकात दिखा देने वाले बयान पर हंगामा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री के प्रधानमंत्री को गुजरात चुनाव में औकात दिखा देने वाले बयान पर भी खूब हंगामा हुआ। 12 नवंबर को कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी करने के बाद मिस्त्री ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा था कि पीएम मोदी कभी सरदार पटेल नहीं बन सकते। गुजरात के विधानसभा चुनाव के दौरान इस बार उन्हें अपनी औकात का पता लग जाएगा।

भाजपा नेताओं की ओर से जवाब दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक जनसभा के दौरान इस बयान का जिक्र किया था। भाजपा ने मिस्त्री के इस बयान को पीएम मोदी का अपमान बताया था। पीएम मोदी का कहना था कि वे हमारी औकात दिखाने की बात कहते हैं और ऐसे में मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मेरी कोई औकात नहीं है। हमारा काम तो बस लोगों की सेवा करना है और एक सेवक की क्या औकात हो सकती है।

मोदी की तुलना रावण से कर डाली

कांग्रेस हमेशा भाजपा के हाथ में कोई ऐसा मुद्दा थमा देती है जो भाजपा के लिए आगे चलकर फायदेमंद साबित हो जाता है। पहले चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी क्षणों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना रावण से कर डाली। एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि आपके रावण की तरह सौ मुख हैं क्या?

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और अन्य भाजपा नेताओं ने खड़गे के इस बयान पर तीखी आपत्ति जताते हुए इसे पीएम मोदी और देश का अपमान बताया। सियासी जानकारों का मानना है कि गुजरात के मतदाताओं पर पीएम मोदी का काफी असर है और कांग्रेस नेता के इस बयान का पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

राहुल के लुक को सद्दाम हुसैन जैसा बताया

गुजरात के चुनाव में इस बार राजस्थान के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी काफी सक्रिय दिखे। प्रदेश के विभिन्न इलाकों में चुनावी सभाओं के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के लुक पर तंज कसते हुए उनकी तुलना सद्दाम हुसैन से कर डाली। असम के मुख्यमंत्री का कहना था कि राहुल गांधी को अपना लुक बदलना है तो उन्हें सरदार पटेल या पंडित जवाहरलाल नेहरु जैसा बनना चाहिए मगर उन्हें देखकर सद्दाम हुसैन की याद आती है। सरमा का यह बयान मीडिया में खूब छाया रहा और इसे लेकर कांग्रेस की ओर से तीखी आपत्ति जताई गई।

योगी की नजर में केजरीवाल नमूना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई है। अपनी चुनावी सभाओं के दौरान योगी ने कांग्रेस के साथ ही आप पर भी जमकर निशाना साधा। सोमनाथ की रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नमूना तक बता डाला। योगी का कहना था कि दिल्ली से आम आदमी पार्टी का जो नमूना गुजरात में आया है, वह आतंकवाद का सच्चा हितैषी है।

योगी का कहना था कि गुजरात के लोगों को इससे सतर्क रहना चाहिए क्योंकि यह राम मंदिर का विरोध करता है और सेना की ओर से दिखाए गए साहस का सबूत मांगता है। योगी का यह बयान भी मीडिया में खूब चर्चा का विषय बना।

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