Gujarat News: खौफनाक! हाईकोर्ट में जज ने ऐसा क्या सुनाया फैसला, पति-पत्नी समेत 4 लोगों ने पी ली फिनाइल
Gujarat News: गुजरात हाईकोर्ट ने जैसे ही फैसला सुनाया तो कोर्ट रूम में मौजूद एक ही परिवार के चार सदस्यों ने विषाक्त पदार्थ पी ली। पुलिस ने तुंरत लोगों को अस्पताल में एडमिट कराया।
Gujarat News: अहमदाबाद स्थित गुजरात हाईकोर्ट में आज यानी गुरूवार 15 जून को उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब एक दंपति समेत 4 लोगों ने खौफनाक कदम उठा लिया। उच्च न्यायालय में लाइव सुनवाई चल रही थी, जैसे ही जज ने फैसला सुनाया पति-पत्नी समेत चार लोगों ने फिनाइल पी ली। इस घटना से कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। अफरा तफरी भरे माहौल के बीच वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने आनन फानन में सभी को सिविल अस्पताल पुहंचाया।
पुलिस के मुताबिक, प्राथमिक उपचार के बाद चारों की स्थिति अब खतरे से बाहर है। पुलिस अधिकारी जिग्नेश अग्रवाल ने घटना की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि आत्महत्या की कोशिश करने वाले चारों पीड़ित फरियादी हैं। जिन आरोपियों के खिलाफ मामला चल रहा है, उनकी ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई हुई। अदालत ने जैसे ही याचिका को स्वीकार किया, वहां मौजूद फरियादिओं ने फौरन फिनाइल की बोतल गटक ली।
इसके बाद अदालत में अफरा तफरी मच गई। पुलिस ने फौरन फरियादियों को अस्पताल ले गए, जहां वे अब ठीक हैं। सुसाइड करने की कोशिश करने वालों में तीन पुरूष और एक महिला शामिल हैं। उनकी पहचान इस रूप में हुई है – शैलेशभाई पांचाल, जयश्रीबेन पांचाल, मनोजभाई वैष्णव और हार्दिकभाई पटेल।
क्या है पूरा मामला ?
पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या की कोशिश करने वाले परिवार ने अहमदाबाद में करीब 6 माह पहले घर के लिए एक निजी बैंक कंपनी से लाखों रूपये का लोन लिया था। लोन की सारी कागजी कार्रवाई पूरी हो गई थी और परिवार रकम का इंतजार कर रहा था। इस बीच एक दिन उन्हें बैंक से लोन की किश्त जमा करने के लिए फोन आया। ऐसे लगातार कॉल बैंक की ओर से आने लगे। बैंक जाकर पीड़ित परिवार को आरोपियों की कारस्तानी का पता चला।
पीड़ित परिवार के मुताबिक, लोन की पूरी रकम बैंक के जनरल मैनेजर, मैनेजर ने अन्य दो कर्मियों के साथ मिलकर हड़प ली। इसके बाद आनंदनगर थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया। आरोपियों ने इसी को लेकर अग्रिम जमानत हासिल करने के लिए हाईकोर्ट का रूख किया था।