लखनऊ : गुजरात व हिमाचल प्रदेश की जीत के बाद भाजपा की नजर अब उन उत्तर पूर्वी राज्यों पर टिक गयी है जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा के लिए ये राज्य इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इन राज्यों में भाजपा की स्थिति हिन्दी भाषी राज्यों की तरह मजबूत नहीं है। यही कारण है कि गुजरात के महत्वपूर्ण चुनाव से मुक्त होते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीधे मिजोरम पहुंच गए और उन्होंने हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का ऐलान कर दिया।
उत्तर पूर्वी राज्यों में विजय कांग्रेस मुक्त भारत के नारे की दिशा में भाजपा का मजबूत कदम होगा। असम के बाद भाजपा यहां पैठ बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। दूसरी ओर कांग्रेस अपनी मजबूत जमीन पर भाजपा को पैर नहीं जमाने देना चाहती। इसलिए वह भी भाजपा को जवाब देने में जुटी हुई है।
दो चुनावों से सत्ता पर कांग्रेस काबिज
उत्तर पूर्वी राज्यों में सिर्फ मिजोरम व मेघालय में कांग्रेस राज कर रही है। मिजोरम में पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस काफी मजबूत रही है। उत्तर पूर्वी राज्यों में भाजपा के रणनीतिकार व नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक मोर्चा (नेडा) के संयोजक हिमांता बिस्व शर्मा ने उम्मीद जताई कि भाजपा का कांग्रेस मुक्त नार्थ ईस्ट का सपना 2018 तक पूरा हो सकता है।
मिजोरम में ईसाई मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है और यही कारण है कि भाजपा इन मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा की नजर इस राज्य पर विशेष रूप से इसलिए भी लगी हुई है क्योंकि कांग्रेस लगातार तीन बार से यहां सत्ता पर काबिज है।
गुजरात चुनाव के बाद तुरंत पहुंचे मोदी
भाजपा उत्तर पूर्व के राज्यों को कितना महत्व दे रही है इसे इसी तथ्य से समझा जा सकता है कि गुजरात के चुनाव से खाली होने पर प्रधानमंत्री मोदी तत्काल इलाके में पहुंच गए। मिजोरम के दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि हम नार्थ ईस्ट की सभी राजधानियों को रेल मैप पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिए 1385 किलोमीटर लंबी 15 रेल परियोजनाओं पर काम कर रही है जिस पर करीब 47000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
उन्होंने यह कहकर कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला किया कि कहा जाता है कि रेल संपर्क न होना इस इलाके विकास में सबसे बड़ी बाधा है। मोदी 60 मेगावाट के हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने के लिए मिजोरम पहुंचे थे। मोदी यह कहना नहीं भूले कि यह प्रोजेक्ट अटल सरकार के समय पास किया गया था और इसमें काफी विलंब किया गया।
अपने दम पर लडऩे को तैयार भाजपा
मिजोरम में देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी या मिजो नेशनल फ्रंट से हाथ मिलाएगी। वैसे कुछ दिनों पूर्व भाजपा नेता हयिथुंग बिल लोथा ने कहा था कि भाजपा अपने दम पर राज्य विधानसभा की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने भाजपा के चुनाव जीतने व राज्य में सरकार बनाने का दावा किया। उनके मुताबिक वे और पार्टी के अन्य नेता 20 से ज्यादा चुनाव क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। वैसे भाजपा यहां चुनाव जीतने में अभी तक विफल रही है। इस बार भाजपा राज्य की चुनावी पिच पर जोरदार बैटिंग की तैयारी करती दिख रही है। उधर कांग्रेस भी राज्य में चुनावी तैयारियों में जुट गयी है। कांग्रेस की स्थिति राज्य विधानसभा हमेशा मजबूत रही है और वह इस बार भी भाजपा के लिए सत्ता का कोई रास्ता नहीं छोडऩा चाहती।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जल्द ही उत्तर पूर्वी राज्यों का दौरा करने की उम्मीद जताई जा रही है। यदि हम पिछले तीन लोकसभा चुनाव को देखें तो राज्य में 2004 के चुनाव में राज्य की एकमात्र सीट पर मिजो नेशनल फ्रंट को जीत मिली थी जबकि 2009 व 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट जीत ली थी।
पिछले तीन विधानसभा चुनावों का ब्योरा
2003 2008 2013
कांग्रेस 12 32 34
मिजो नेशनल फ्रंट 21 3 5
मिजो पीपुल्स कांफ्रेंस 3 2 1
मारालैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट 1 1 0