नोटबंदी बनाम गोबरबंदी: कांग्रेस का फरमान- सड़क में मिला ज्यादा गोबर तो मिलेगी ये सजा

देश में एक तरफ जहां कालेधन और करप्शन के लिए नोटबंदी का दौर चल रहा है तो वहीँ दूसरी ओर स्वच्छ भारत के लिए अब गोबरबंदी का भी आगाज हो गया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल मोदी सरकार को सड़क से लेकर संसद तक घेरने में लगे हैं लेकिन इसी बीच गुजरात की अमरेली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक अजीब फरमान जारी किया है। कांग्रेस और बीजेपी में अब नोटबंदी बनाम गोबरबंदी का युद्ध शुरू हो गया है।

Update:2016-12-04 07:03 IST

अहमदाबाद: देश में एक तरफ जहां 'कालेधन और करप्शन' के लिए 'नोटबंदी' का दौर चल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर 'स्वच्छ भारत' के लिए अब 'गोबरबंदी' का भी आगाज हो गया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल मोदी सरकार को सड़क से लेकर संसद तक घेरने में लगे हैं। इसी बीच गुजरात की अमरेली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत एक अजीब फरमान जारी किया है। कांग्रेस और बीजेपी में अब 'नोटबंदी बनाम गोबरबंदी' का युद्ध शुरू हो गया है।

क्या है फरमान ?

पहली दिसंबर 2016 को जारी ‘स्वच्छ शहर, स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’ शीर्षक के इस ऑर्डर पर अमरेली के म्यूनिसपल कॉर्पोरेशन चीफ के साइन हैं। जिसमें कहा गया है कि सड़क पर अब कोई भी जानवर 3 किलो से ज्यादा गोबर नहीं कर सकता है। वहीं बछड़े जैसे छोटे जानवरों के लिए यह सीमा एक किलो है। बता दें कि इस नगरीय प्रशासन पर कांग्रेसियों का कब्जा है।

 

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मिलेगी ऐसी सजा ...

-इस कदम पर प्रशासन का कहना है कि यह केंद्र सरकार के 'स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत' अभियान के सहयोग के रूप में उठाया गया है।

-इतना ही नहीं नियम का पालन ना करने वालों के लिए सजा भी अजीब ही तरह की तय की गई है।

-नियम का पालन ना करने वाले ऐसे लोगों को गधे पर बिठाकर सार्वजनिक तौर से अपमानित किया जाएगा।

गोबर का साइज और वजन होगा चेक

-जानवर कितना गोबर करते हैं, उसके लिए एक फ्लाइंग स्क्वाॅड भी बनाया गया है।

-जो गाय या भैंस के गोबर का साइज और वजन चेक करेगा।

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नोटबंदी बनाम गोबरबंदी

नोटबंदी का विरोध करते हुए अमरेली से कांग्रेस विधायक परेशभाई धनाणी ने कहा कि अगर नोटबंदी के बाद एटीएम से पैसे निकालने की सीमा तय की जा सकती है, तो जानवरों के गोबरबंदी के लिए क्यों नहीं।

उन्होंने कहा कि यह फैसला स्वच्छता की खातिर लिया गया है। अमरेली नगर निगम की अध्यक्षा अलका गोंडालिया का कहना है कि इस नियम के संबंध में जनता की राय मांगी है और उन्हें छापा भी जाएगा।

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