Gujarat Riot: SIT के खुलासे से गरमाई देश की राजनीति, बीजेपी-कांग्रेस के बीच वार-पलटवार शुरू

Gujarat Riot: गुजरात दंगे पर SIT रिपोर्ट आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। वहीं, जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि, एसआईटी अपने राजनीतिक आका की धुन पर नाच रही है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-16 18:44 IST

Gujarat Riots 2002 : Tista Sitalwad and Ahmed Patel 

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Gujarat Riot : साल 2002 में हुए गुजरात दंगे (Gujarat Riots) का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया। दंगे की जांच के लिए बनाई गई विशेष जांच दल (SIT) के खुलासे ने गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections 2022) से पहले राजनीति गरमा दी है। एसआईटी (SIT) का कहना है कि दंगों के बाद एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश रची थी।

इसके लिए तीस्ता ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के राजनीतिक सलाहकार रहे दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल (Congress leader Ahmed Patel) से 30 लाख रुपए लिए थे। SIT ने अहमदाबाद सेशन कोर्ट (Ahmedabad Sessions Court) में दाखिल हलफनामे में ये बातें कही हैं।

तीस्ता के साथ ये भी थे शामिल

एसआईटी के मुताबिक, इस साजिश में तीस्ता के साथ उस समय गुजरात के पुलिस महानिदेशक रहे आरबी श्रीकुमार (RB Sreekumar) और पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट (Former IPS Sanjiv Bhatt) भी शामिल थे। इन लोगों ने दंगों के बाद गुजरात सरकार (Gujarat Government) को गिराने की साजिश रची थी।

संजीव भट्ट के इस बयान से मची थी सनसनी

बता दें कि, पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की पत्नी कांग्रेस से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने साल 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी के खिलाफ मणिनगर सीट (Maninagar seat) से चुनाव लड़ी थीं। संजीव भट्ट ने ये कहकर सनसनी मची दी थी, कि दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी ने पुलिस को कोई एक्शन नहीं लेने के लिए कहा था और हिंदुओं को उनका गुस्सा निकालने देने को कहा था।

अहमद पटेल ने की थी फंडिंग

गुजरात कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अहमद पटेल (Ahmed Patel) पर एसआईटी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच दल का कहना है कि पटेल ने दो किस्तों में 30 लाख की रकम एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को दी थी। तीस्ता को एक बार 5 लाख और दूसरी बार 25 लाख रुपए मिले थे। एसआईटी ने जेल में बंद तीस्ता की जमानत याचिका का विरोध किया। बता दें कि, 25 जून को एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई से गुजरात दंगों में साजिश रचने के आरोप में अरेस्ट किया था।

बीजेपी हुई कांग्रेस पर हमलावर

एसआईटी के इस चौंकाने वाले खुलासे ने गुजरात विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी (BJP) को कांग्रेस को घेरने के लिए बड़ा मुद्दा थमा दिया। बीजेपी के फायरब्रांड प्रवक्ता संबित पात्रा (BJP spokesperson Sambit Patra) ने प्रेस कांफ्रेंस (Press Conference) कर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। पात्रा ने कहा कि, कांग्रेस ने गुजरात दंगे को लेकर जिस तरह से पीएम मोदी को बदनाम करने की साजिश रची, परत दर परत उसकी सच्चाई सामने आ रही है। एसआईटी का हलफनामा कहता है कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके साथी मानवता के साथ काम नहीं कर रहे थे, बल्कि वे राजनीतिक मंसूबे के तहत काम कर रहे थे।

बीजेपी का सोनिया पर गंभीर आरोप

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि, 'अहमद पटेल ने केवल पैसे की डिलीवरी की थी। सोनिया गांधी ने न जाने इसके बाद कितने करोड़ रुपए नरेंद्र मोदी को अपमानित और बदनाम करने के लिए दिए। सोनिया गांधी ने तीस्ता सीतलवाड़ का इस्तेमाल राहुल गांधी को प्रमोट करने के लिए किया।'

कांग्रेस का बीजेपी पर पलटवार

कांग्रेस ने बीजेपी के इन आरोपों पर पलटवार किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री की राजनीतिक बदले की मशीन उन मरे हुए लोगों को भी नहीं छोड़ती है, जो उनके विरोधी थे। एसआईटी अपने सियासी आका के इशारे पर नाच रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि 2002 के दंगे के दौरान नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से दंगों को रोकने के प्रति अनिच्छा दिखाई थी, उसे ही देखकर तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें राजधर्म निभाने की याद दिलाई थी।

अहमद पटेल की बेटी ने पूछा सवाल

वहीं, एसआईटी के रिपोर्ट में अपने पिता का नाम आने के बाद अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, 'गुजरात चुनाव आने वाले हैं, इसलिए ये सब हो रहा है। इस मामले को 20 साल हो गए। मेरे पिता जिंदा थे तब कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। बीते डेढ़ साल से मेरे पिता को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि, इस साल के अंत तक गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर 2002 के दंगे विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेंगे।' 

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