Gyanvapi Masjid:ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट के फैसले को चुनौती, SC ने तुरंत रोक लगाने से किया इनकार
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा सर्वे कराए जाने के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
Varanasi Gyanvapi Masjid Survey: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) और श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) मामले में कोर्ट कमिश्नर (Court Commissioner) द्वारा सर्वे कराए जाने के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में चुनौती दी है। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तुरंत रोक लगाने से इंकार किया है।
बता दें कि, वाराणसी की एक स्थानीय न्यायालय ने कोर्ट द्वारा नियुक्त अजय मिश्रा, अजय सिंह और विशाल सिंह की अगुवाई में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे (Survey of Gyanvapi Mosque) का आदेश दिया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। सर्वोच्च अदालत ने कहा है, कि फाइलों पर गौर करने के बाद ही कोई फैसला लेंगे। दूसरी तरफ, याचिका में अपील की गई है, कि इस पर तत्काल सुनवाई हो। याचिका में वाराणसी की स्थानीय कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वे के आदेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है।
'मुझे फाइलों पर गौर करने दें'
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन (Chief Justice NV Ramana) ने कहा कि, 'इस मामले के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मुझे फाइलों पर गौर करने दें। हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।'
ये कहा याचिकाकर्ता के वकील ने
दूसरी तरफ, याचिकाकर्ता (petitioner) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील हाफिज अहमदी ने कहा, 'आज सर्वे हो रहा है। कृपया यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दें। हाफिज अहमदी ने आगे कहा, यह मस्जिद वर्शिप एक्ट (Worship Act) के तहत आती है। जिसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि, हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।'
महिलाओं ने दायर की थी याचिका
गौरतलब है, कि वाराणसी में सिविल जज (Senior Division) रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने तीन कोर्ट कमिश्नर (Court Commissioner) के साथ 17 मई 2022 तक सर्वे पूरा कर रिपोर्ट जमा करने के आदेश दिए थे। दरअसल, पांच महिलाओं की तरफ से श्रृंगार गौरी के दैनिक दर्शन और पूजन को लेकर वाराणसी कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था।
बता दें कि कोर्ट ने अजय कुमार मिश्र (Ajay Kumar Mishra) को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त (Advocate commissioner appointed) करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर 10 मई 2022 तक अदालत में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। 6 मई को कार्रवाई शुरू तो हुई मगर पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद 7 मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की मांग की गयी थी। जिस पर गुरुवार को कोर्ट ने फैसला दिया था।