Hardik Patel: हार्दिक के सामने भाजपा में क्या होंगी चुनौतियां, पार्टी के लिए कितने मददगार साबित होंगे युवा नेता
Hardik Patel joins BJP: हार्दिक ने भाजपा की सदस्यता जरूर ग्रहण कर ली है मगर इस पार्टी में भी उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
Hardik Patel joins BJP: गुजरात में पाटीदार समुदाय पर मजबूत पकड़ रखने वाले युवा नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel joins BJP) ने आखिरकार आज भाजपा का दामन थाम लिया। कांग्रेस के साथ हार्दिक के लंबे समय तक पटरी नहीं बैठ सकी। हार्दिक 2019 में कांग्रेस (Congress) में शामिल हुए थे और 2020 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था मगर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। हार्दिक के भाजपा में शामिल होने से भाजपा को पाटीदार समुदाय में अपनी पकड़ और मजबूत बनाने में जरूर मदद मिलेगी।
हार्दिक ने भाजपा की सदस्यता जरूर ग्रहण कर ली है मगर इस पार्टी में भी उन्हें कई चुनौतियों (new challenges in bjp) का सामना करना पड़ेगा। पिछले सात साल से वे गुजरात (Gujrat ) में भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे हैं और यही कारण है कि भाजपा का एक वर्ग उन्हें पार्टी में लिए जाने के खिलाफ रहा है। हालांकि शीर्ष नेतृत्व की मंजूरी के बाद उन्हें पार्टी में एंट्री जरूर मिल गई है मगर पार्टी के भीतर विरोधियों से ट्यूनिंग बैठाना हार्दिक के लिए आसान नहीं होगा। हार्दिक ने नरेंद्र मोदी को भारत का यशस्वी प्रधानमंत्री बताते हुए उनके नेतृत्व में छोटा सा सिपाही बनकर काम करने की बात कही है।
कांग्रेस को अभी और झटका देंगे हार्दिक
हार्दिक ने गुरुवार को भाजपा में शामिल होने से पहले घर पर दुर्गा पूजा की। इसके बाद उन्होंने गो पूजा और स्वामी नारायण गुरु मंदिर में भी पूजा की। हार्दिक के भाजपा में शामिल होने के कार्यक्रम को बिग इवेंट बनाने की कोशिश भी की गई। गांधीनगर में पार्टी कार्यालय के बाहर और शहर में कई अन्य स्थानों पर भी हार्दिक का पोस्टर लगाकर युवा नेता का पार्टी में स्वागत किया गया।
भाजपा में शामिल होने के साथ हार्दिक ने कांग्रेस मैं नाखुश रहने वाले अन्य नेताओं को भी भाजपा में लाने का बड़ा संकेत दिया। उन्होंने कहा कि वे अपने जीवन में नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं और अब हर 10 दिन में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें विधायकों समेत कांग्रेस से नाखुश लोगों को भाजपा में शामिल कराने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पूरी दुनिया में भारत की शान भी बताया। हार्दिक के संकेत से साफ हो गया है कि वे आने वाले दिनों में भी कांग्रेस को झटका देने की कोशिश जारी रखेंगे।
भाजपा पर काफी हमलावर रहे हैं हार्दिक
हार्दिक में भाजपा की सदस्यता जरूर ग्रहण कर ली है मगर भाजपा में उनके लिए चुनौतियां कम नहीं होगी।
गुजरात में पाटीदार आंदोलन और उसके बाद कांग्रेस की सदस्यता लेने पर हार्दिक भाजपा के खिलाफ काफी हमलावर रहे हैं। पाटीदार आंदोलन के दौरान उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को जनरल डायर तक की संज्ञा दे डाली थी।
उन्होंने 12 सौ करोड़ रुपए की पेशकश किए जाने का बड़ा आरोप भी लगाया था। भाजपा के बड़े नेताओं के कई कार्यक्रमों में हार्दिक पटेल के समर्थकों के हंगामे के कारण व्यवधान भी पढ़ा था। यही कारण है कि हार्दिक की भाजपा में एंट्री के पहले पार्टी का एक वर्ग उनका विरोध भी कर रहा था।
भाजपा का एक वर्ग हार्दिक के पूरी तरह खिलाफ
भाजपा का एक वर्ग हार्दिक के अतीत में भाजपा विरोधी रवैए को लेकर काफी नाराज है और उनकी पार्टी में एंट्री के पूरी तरह खिलाफ रहा है। इस वर्ग का कहना है कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा को काफी नुकसान पहुंचाया है और अब कांग्रेस में अपने दुर्दिन देखकर वे भाजपा में शामिल हो गए हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि पूर्व में भी कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है। हमें कांग्रेस नेताओं के भाजपा में आने पर आपत्ति नहीं है मगर जहां तक हार्दिक का सवाल है तो उन्होंने भाजपा को काफी नुकसान पहुंचाया है। भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े नेताओं तक अधिकांश लोग हार्दिक को भाजपा में शामिल किए जाने के पक्ष में नहीं रहे हैं।
पाटीदार नेता भी कर रहे हार्दिक का विरोध
भाजपा में पहले से ही कई पाटीदार नेता शामिल हैं और इन पाटीदार नेताओं को भी हार्दिक की भाजपा में एंट्री रास नहीं आई है। पाटीदारों पर अच्छी पकड़ रखने वाले भाजपा नेता वरुण पटेल का कहना है कि हार्दिक के खिलाफ संघर्ष में भाजपा कार्यकर्ताओं ने काफी पसीना बहाया है। यह लड़ाई सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बीच ही नहीं थी बल्कि इस दौरान कई बार व्यक्तिगत हमले भी किए गए। हार्दिक के शामिल होने के बाद भी कांग्रेस को कोई सियासी मजबूती नहीं मिल सकी। ऐसे में भाजपा को भी हार्दिक से ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है।
भाजपा के एक और पाटीदार नेता चिराग पटेल ने भी हार्दिक को पार्टी में लिए जाने का विरोध किया था। उनका तर्क है कि पाटीदार समुदाय पूरी तरह शिक्षित है और उसे हार्दिक का पिछलग्गू नहीं माना जाना चाहिए। पाटीदार समुदाय के लोग उचित अनुचित का फैसला लेने में पहले से ही सक्षम हैं।
हार्दिक के लिए ट्यूनिंग बैठा पाना आसान नहीं
भाजपा में शामिल पाटीदार नेताओं के इस रुख से साफ है कि उन्हें हार्दिक का पार्टी में शामिल होना रास नहीं आया है। ऐसे में हार्दिक को भाजपा के पाटीदार नेताओं के साथ ट्यूनिंग बनाने में भी काफी मशक्कत करनी होगी। हार्दिक ने भाजपा की सदस्यता जरूर ग्रहण कर ली है मगर सोशल मीडिया पर तमाम ऐसे वीडियोज वायरल हो रहे हैं जिनमें हार्दिक भाजपा पर बड़ा हमला बोलते दिख रहे हैं।
हार्दिक यह बोलते दिख रहे हैं कि वे भाजपा के आगे कभी झुकने वाले नहीं हैं और भाजपा को सबक सिखाकर ही दम लेंगे। अब हार्दिक के लिए इस बाबत सफाई देना भी काफी मुश्किल साबित हो रहा है।
हार्दिक को साबित करनी होगी अपनी योग्यता
हार्दिक के भाजपा में शामिल होने के संबंध में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी में हार्दिक के लिए कोई सजी हुई भूमिका नहीं है। पार्टी के सदस्य के रूप में उनके अनुशासन का परीक्षण किया जाएगा और उन्हें पार्टी में अपनी योग्यता साबित करके दिखानी होगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल का कहना है कि हार्दिक पिछले छह महीने से भाजपा नेताओं के संपर्क में थे। उनका भाजपा में शामिल होना अवसरवाद की पराकाष्ठा है और इसे गुजरात के लोग बखूबी समझ रहे हैं। उनका कहना है कि हार्दिक अब सिर्फ टेलीविजन के शेर बनकर रह गए हैं।
आखिर क्या कहते हैं जानकार
आरक्षण आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल के साथ रहे लालजी पटेल हार्दिक के भाजपा में शामिल होने को बड़ी गलती मानते हैं। उनका कहना है कि हार्दिक पटेल ने तीन साल पहले कांग्रेस में शामिल होकर भी बड़ी गलती की थी क्योंकि आरक्षण के आंदोलन के दौरान उन्होंने राजनीति में शामिल न होने का वादा किया था। बाद में उन्होंने अपना वादा तोड़ दिया मगर सियासी मैदान में उन्हें आरक्षण आंदोलन जैसी कामयाबी मिलना मुश्किल है।
दूसरी ओर वोटर्स मूड रिसर्च के सीईओ जय मृग का मानना है कि ऐसा लगता है कि हार्दिक आखिरकार गुजरात की वास्तविक राजनीति के साथ आ गए हैं। सही मायने में उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत अब जाकर हुई है।
भाजपा के लिए किस तरह उपयोगी हैं हार्दिक
गुजरात में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव में पाटीदार समुदाय की बड़ी भूमिका होगी। सौराष्ट्र की 54 विधानसभा सीटों पर पाटीदारों की निर्णायक भूमिका मानी जाती रही है। 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सौराष्ट्र में 12 सीटें जीती थीं मगर 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को पिछाड़ते हुए 30 सीटों पर कब्जा कर लिया था। 2017 में भाजपा सौराष्ट्र में सिर्फ 24 सीटें जीतने में कामयाब हो सकी थी।
भाजपा ने इस बार कांग्रेस को पटखनी देने के लिए सौराष्ट्र में पूरी ताकत लगा रखी है। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पाटीदार समुदाय से जुड़े कार्यक्रमों में लगातार शिरकत कर रहे हैं। ऐसे में हार्दिक पटेल का भाजपा में आना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल के सहारे भाजपा पाटीदारों में अपनी पकड़ को और मजबूत बनाने की कोशिश करेगी।