हरियाणा में AAP से गठबंधन करके कांग्रेस को क्या होगा फायदा, शुरुआती बातचीत में ही सीटों को लेकर दोनों दलों में खींचतान
Haryana Assembly Election 2024: आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करके राहुल गांधी हरियाणा में भाजपा विरोधी मतों का बंटवारा रोकना चाहते हैं।
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के लिए आप और कांग्रेस में गठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। कांग्रेस ने इस संबंध में आप नेताओं से चर्चा के लिए एक कमेटी का भी गठन कर दिया है। दोनों दलों के बीच बातचीत का दौर भी शुरू हो चुका है। शुरुआती बातचीत में ही आप को दी जाने वाली सीटों को लेकर खींचतान दिख रही है।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी दोनों दलों ने गठबंधन किया था। इस गठबंधन में कांग्रेस पांच सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही जबकि आप का खाता नहीं खुला था। दरअसल आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करके राहुल गांधी हरियाणा में भाजपा विरोधी मतों का बंटवारा रोकना चाहते हैं। दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चाओं के बीच भाजपा ने इस पहल के पीछे हार की आशंका को बड़ा कारण बताया है।
चुनाव आने पर दोनों दलों ने बदला रुख
हरियाणा में पहले भाजपा की तरह कांग्रेस और आप नेताओं ने भी अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात कही थी मगर अब चुनाव सिर पर आ जाने के बाद दोनों दलों के नेताओं का रुख बदल गया है। अब माना जा रहा है कि दोनों दल हाथ मिलाकर भाजपा के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर सकते हैं।
दोनों दलों के बीच एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने के संबंध में सैद्धांतिक समझौता तो जरूर हो गया है मगर अभी सीट बंटवारे पर फैसला होना बाकी है। कांग्रेस और आप के बीच सीटों को लेकर सहमति बनने के बीच अब समाजवादी पार्टी की भी इसमें एंट्री हो गई है। गठबंधन के साथ समाजवादी पार्टी को भी हरियाणा में सीट देने की बात कही जा रही है।
राहुल की पहल पर कांग्रेस ने बनाई कमेटी
जानकार सूत्रों का कहना है कि हरियाणा को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गठबंधन की संभावनाओं के संबंध में हरियाणा के नेताओं से सवाल पूछे। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं से जानना चाहा कि की क्या कांग्रेस को हरियाणा में आप के साथ गठबंधन करना चाहिए? यह गठबंधन होने की कहां तक संभावना है और गठबंधन होने की स्थिति में क्या सियासी फायदे या नुकसान हो सकता है?
आप नेताओं से सीटों के बंटवारे पर चर्चा के लिए कांग्रेस की ओर से एक कमेटी का भी गठन किया गया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की अगुवाई में गठित इस कमेटी में अजय माकन, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सदस्य बनाया गया है।
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने नौ और आप ने एक सीट पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस इनमें से 5 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही जबकि आप को कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा था।
बातचीत का नतीजा जल्द दिखने के संकेत
हालांकि कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की चर्चाओं के बीच सीटों को लेकर खींचतान भी शुरू हो गई है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हम कांग्रेस को तीन या चार सीटें दे सकते हैं जबकि आप की ओर से ज्यादा सीटों की डिमांड की जा रही है। ऐसे में गठबंधन को लेकर पेंच फंसा हुआ है।
दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया का कहना है कि हरियाणा में दोनों दलों के बीच गठबंधन हो सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आप और इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के साथ बातचीत चल रही है और जल्द ही इसका नतीजा दिखेगा।
कांग्रेस ने क्यों की आप से गठबंधन की पहल
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। इसीलिए हरियाणा इकाई की ओर से पहले राज्य में किसी भी प्रकार के गठबंधन से इनकार किया गया था। अब राहुल गांधी की ओर से इस मामले में दखल दिए जाने के बाद एक बार फिर गठबंधन का प्रयास शुरू किया गया है। जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी का मानना है कि जो पार्टी हरियाणा में थोड़ा बहुत असर भी रखती है, उसके साथ गठबंधन कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
इसके साथ ही कांग्रेस बीजेपी विरोधी मतों का बंटवारा भी रोकना चाहती है। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है और ऐसी स्थिति में आप के साथ गठबंधन बड़ा असर दिखने वाला साबित हो सकता है।
सीटों की संख्या को लेकर दोनों दलों में खींचतान
वैसे कांग्रेस की ओर से प्रयास किए जाने के बहुत बावजूद हरियाणा में आप के साथ गठबंधन आसान नहीं माना जा रहा है। शुरुआती बातचीत के दौरान ही आम आदमी पार्टी की ओर से 10 सीटों की डिमांड रखी गई है जबकि कांग्रेस चार से पांच सीटें देने के लिए ही तैयार है। कांग्रेस की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान जिन चार विधानसभा क्षेत्र में आप प्रत्याशी को बढ़त मिली थी, वे सीटें ही आप को दी जा सकती हैं।
माना जा रहा है कि गठबंधन होने की स्थिति में अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी को भी एक सीट पर चुनाव लड़ने का मौका दिया जा सकता है। हरियाणा में कांग्रेस के दो धड़े हैं। इनमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा अगुवाई वाला गुट राहुल गांधी के दखल के बाद आप को कुछ सीटें देने के लिए तैयार सो गया है जबकि शैलजा की अगुवाई वाला दूसरा गुट आप के साथ गठबंधन का तीखा विरोध कर रहा है।
हार के डर से कांग्रेस कर रही गठबंधन
दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को अपनी हार का डर सता रहा है और इसलिए पार्टी ने आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है। पार्टी के नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को इस बात की जानकारी हो गई है कि पार्टी को हरियाणा के विधानसभा चुनाव में जीत नहीं मिलने वाली है। इसीलिए आखिरी वक्त में कांग्रेस की ओर से आप के साथ गठबंधन की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से चाहे जितनी भी कोशिश की कर ली जाए मगर हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा को ही जीत हासिल होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पूरी तरह भाजपा के साथ है और भाजपा को विजय मिलना निश्चित है।