Haryana Election Result: कांग्रेस में CM पद के लिए जबर्दस्त लॉबिंग, दावेदारों का दिल्ली में डेरा, कौन मारेगा बाजी

Haryana Election Result: हरियाणा में कांग्रेस की जीत की स्थिति में भूपेंद्र सिंह हुड्डा भजनलाल नहीं बनना चाहते।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-10-08 08:38 IST

Haryana Election Result (Pic: Social Media)

Haryana Election Result: हरियाणा में मुख्यमंत्री पद को लेकर जबर्दस्त जोड़-तोड़ चल रही है। एग्जिट पोल में कांग्रेस की मजबूती स्थिति देखने के बाद से ही मुख्यमंत्री पद के दावेदारों ने राजधानी दिल्ली में डेरा डाल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा दिल्ली में अपना-अपना समीकरण दुरुस्त बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

हरियाणा में कांग्रेस की जीत की स्थिति में भूपेंद्र सिंह हुड्डा भजनलाल नहीं बनना चाहते। भजनलाल को झटका देकर ही वे हाईकमान की कृपा से पहली बार मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हुए थे। यही कारण है कि पार्टी नेताओं के दम पर वे अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

हुड्डा ने किया वरिष्ठ नेताओं से मंथन

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी और विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को राज्य के मतदाताओं का व्यापक समर्थन मिला है। ऐसे में मतगणना से पूर्व ही कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे माने जा रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम पद पर अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने के लिए लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मंथन में जुटे हुए हैं। मतगणना से पूर्व उन्होंने दिल्ली पहुंचकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की है। उन्होंने पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया से भी राज्य के सियासी हालात पर चर्चा की। इस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद थे।

हाईकमान पर दबाव बनाने की कोशिश

मतगणना से पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बड़ा बयान देकर हाईकमान पर दबाव बनाने की कोशिश की है। मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर हाईकमान का फैसला राज्य के सभी नेताओं को स्वीकार होगा। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह कह कर अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने का भी प्रयास किया कि अभी न तो मैं टायर्ड हूं और न रिटायर्ड। 2005 से 2014 के बीच दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हुड्डा ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल की याद भी दिलाई। उन्होंने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री बनने के पहले राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी मगर बाद में हालात पूरी तरह बदल गए। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में राज्य की कानून व्यवस्था बिल्कुल चौपट हो गई जैसा कि 2005 में मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले हुआ था।

शैलजा और सुरजेवाला ने भी डाला डेरा

दरअसल हरियाणा में कांग्रेस की मजबूती स्थिति की खबर आने के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर जबर्दस्त लॉबिंग शुरू हो गई। हुड्डा के अलावा सिरसा से सांसद और कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा सालासर धाम का दर्शन करने के बाद दिल्ली पहुंच गई हैं जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह सुरजेवाला ने केदारनाथ धाम का दर्शन करने के बाद दिल्ली में डेरा डाल दिया है। वैसे तो मुख्यमंत्री पद की रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सबसे आगे माना जा रहा है मगर शैलजा और सुरजेवाला भी अपनी दावेदारी जताने में जुटे हुए हैं। हालांकि हुड्डा के साथ ही शैलजा और सुरजेवाला का भी कहना है कि विधायकों की राय जानने के बाद मुख्यमंत्री पद का फैसला पार्टी हाईकमान की ओर से ही किया जाएगा। ऐसे में सभी नेता पार्टी हाईकमान में अपना समीकरण दुरुस्त बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

गांधी परिवार के तीनों करीबी

भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला तीनों को गांधी परिवार और कांग्रेस हाईकमान का करीबी माना जाता रहा है। हरियाणा में चुनाव के दौरान तीनों नेता मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा को सार्वजनिक रूप से जता चुके हैं। कुमारी शैलजा मतदान से पूर्व ही सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुकी हैं जबकि हुड्डा भी ने भी हाईकमान तक अपनी बात पहुंचाई है। सुरजेवाला को भी राहुल और सोनिया का करीबी माना जाता रहा है और ऐसे में मुख्यमंत्री पद को लेकर जबर्दस्त खींचतान की स्थिति दिख रही है। सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस की मजबूत स्थिति के साथ पार्टी हाईकमान के लिए मुख्यमंत्री पद का फैसला करना आसान साबित नहीं होगा।

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