Haryana Politics: हरियाणा में ‘तीन लाल’ लगाएंगे भाजपा की नैया पार, किरण चौधरी के जरिए सियासी समीकरण साधने की कोशिश

Haryana Politics: हरियाणा की सियासत में किरण चौधरी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का धुर विरोधी माना जाता रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-06-20 11:25 IST

किरण चौधरी  (PHOTO: Social Media ) 

Haryana Politics: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी मगर इस बार के चुनाव में पार्टी को पांच सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में पार्टी ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपना सियासी समीकरण मजबूत बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।

हरियाणा की राजनीति में किरण चौधरी को बड़ा चेहरा माना जाता रहा है और उन्होंने अब कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। उनके साथ उनकी बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी भी भाजपा में शामिल हो गई हैं। मां-बेटी का यह इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। किरण चौधरी के साथ अब हरियाणा के मशहूर तीन लालों के परिजन अब भाजपा के सदस्य बन चुके हैं।

किरण चौधरी के जरिए समीकरण साधने की कोशिश

हरियाणा की सियासत में किरण चौधरी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का धुर विरोधी माना जाता रहा है। हुड्डा की खिलाफत के कारण ही इस बार किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को लोकसभा का टिकट नहीं मिल सका था जिसके बाद वे पार्टी नेतृत्व से काफी नाराज चल रही थीं। उनका आरोप था कि हरियाणा में कांग्रेस किसी नेता की व्यक्तिगत जागीर बन चुकी है।

हरियाणा की सियासत में किरण चौधरी की मजबूत पकड़ मानी जाती रही है और वे पांच बार विधायक रह चुकी हैं। 2019 का विधानसभा चुनाव उन्होंने तोशाम सीट से जीता था। वे हरियाणा सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री और एक बार विपक्ष की नेता भी रह चुकी हैं। अब माना जा रहा है कि भाजपा विधानसभा चुनाव के दौरान किरण चौधरी के जरिए राज्य में अपना सियासी समीकरण दुरुस्त बनाने की कोशिश करेगी।

हरियाणा के ‘तीन लाल’ के परिजन भाजपा के साथ

हरियाणा के तीन लाल पूरे देश में काफी चर्चित रहे हैं और अपने जमाने में इन तीनों नेताओं की काफी मजबूत पकड़ मानी जाती थी। देवीलाल, भजन लाल और बंसीलाल का नाम हरियाणा की सियासत में काफी मशहूर रहा है और अब इन तीनों लाल के परिजन भाजपा की सियासी संभावनाओं को मजबूत बनाएंगे।

किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और चर्चित नेता बंसीलाल की बहू हैं। भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई और देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला पहले से ही भाजपा में शामिल हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी हरियाणा के इन तीन मशहूर लाल के सहारे अब विधानसभा चुनाव की वैतरणी पार करने की कोशिश करेगी।

कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर आई सामने

किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस में चल रही जबर्दस्त गुटबाजी पूरी तरह खुलकर सामने आ गई है। दरअसल किरण चौधरी पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बढ़ते प्रभुत्व को लेकर परेशान थीं। किरण चौधरी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी बेटी श्रुति चौधरी के लिए टिकट मांगा था मगर हुड्डा ने अपने करीबी को टिकट दिलाकर किरण चौधरी का सपना तोड़ दिया था।

वे इस मुद्दे को लेकर पार्टी से नाराज चल रही थीं और इसी कारण उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। अब यह देखने वाली बात होगी कि किरण चौधरी भाजपा को मजबूत बनाने में क्या भूमिका निभा पाती हैं।

विधानसभा चुनाव में सियासी राह आसान नहीं

हरियाणा की सत्ता पर मौजूदा समय में भाजपा का कब्जा है मगर आगामी अक्टूबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सियासी राह आसान नहीं मानी जा रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान पांच सीटों पर जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस ने कमर कसनी शुरू कर दी है और चुनाव अभियान की व्यापक रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है।

इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने 10 साल की एंटी इनकंबेंसी से जूझने की भी बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही किसानों और जाटों की नाराजगी भी भाजपा के लिए मुसीबत बनी हुई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब नए भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति भी की जानी है।

माना जा रहा है कि इस पद पर किसी जाट नेता की नियुक्ति की जा सकती है। इस रेस में कैप्टन अभिमन्यु का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के सामने चुनौतियों का पहाड़ होगा और उसे तुरंत विधानसभा चुनाव की बड़ी चुनौती से जूझना होगा।

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