Hate Speech Cases: हेट स्पीच के मामले 31 फीसदी से ज्यादा बढ़े
Hate Speech Cases: धारा 153 ए के तहत घृणास्पद भाषण के अपराधों सहित विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने को दंडित करने का प्रावधान है।
Hate Speech Cases: हेट स्पीच यानी नफरती भाषण के मामलों में 2021 से 31.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन 2020 से 15.57 प्रतिशत की गिरावट आई है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में हेट स्पीच संबंधी आईपीसी की धारा 153ए के तहत 1,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए। धारा 153 ए के तहत घृणास्पद भाषण के अपराधों सहित विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने को दंडित करने का प्रावधान है।
सबसे ज्यादा मामले यूपी में
एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल दर्ज 1,523 मामलों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश (217) में दर्ज किए गए थे, इसके बाद राजस्थान (191), महाराष्ट्र (178), तमिलनाडु (146), तेलंगाना (119), आंध्र प्रदेश (109), और मध्य प्रदेश ( 108) का स्थान था।
और क्या है रिपोर्ट में
- 2022 में नौ राज्यों ने आईपीसी की धारा 153ए के तहत 100 से अधिक मामले दर्ज किए, जबकि 2021 में केवल दो राज्य - आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश ऐसे थे जहां तीन अंकों में ऐसे अपराध थे। आंकड़ों के अनुसार, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों ने 2021 में 108 अपराध दर्ज किए थे।
- 2020 में ऐसे सात राज्य थे जिनमें प्रत्येक में 100 से अधिक ऐसे मामले थे - आंध्र प्रदेश, असम, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश। एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 में तमिलनाडु में अधिकतम 303 मामले दर्ज किए गए।
- 2022 में मध्य प्रदेश में ऐसे अपराधों की संख्या लगभग तीन गुना बढ़कर 108 हो गई, जबकि 2021 में यह 38 थी। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में 2020 में ऐसे 73 मामले दर्ज किए गए थे।
- कुछ राज्यों में आंकड़े 2021 से बढ़कर 2022 में दोगुने से भी अधिक हो गए, जैसे उत्तर प्रदेश (217 और 108), महाराष्ट्र (178 और 75), राजस्थान (191 और 83), और गुजरात (40 और 11)।
- एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, असम में 2020 में आईपीसी 153ए के तहत 147 अपराध दर्ज किए थे लेकिन 2021 में सिर्फ 75 मामले दर्ज किए गए और 2022 में यह आंकड़ा घटकर 44 हो गया।
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2022 में 26, 2021 में 17 और 2020 में 36 मामले दर्ज किए गए। आधिकारिक आंकड़ों से पता चला कि जम्मू और कश्मीर में 2022 में 16, 2021 में 28 और 2020 में 22 हेट स्पीच अपराध हुए।