Hemant Soren: हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से झटका, गिरफ्तारी से राहत नहीं, ईडी भी पहुंची कोर्ट
Hemant Soren: पूर्व सीएम सोरेन ने गिरफ्तारी और पुलिस रिमांड के खिलाफ रांची हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की थी, जिस पर आज यानी सोमवार को सुनवाई हुई।
Hemant Soren: झारखंड में मचे सियासी उथल-पुथल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आज हाईकोर्ट ने झटका दिया है। उच्च न्यायालय ने उन्हें गिरफ्तारी से फौरी राहत देने से इनकार कर दिया है। पूर्व सीएम सोरेन ने गिरफ्तारी और पुलिस रिमांड के खिलाफ रांची हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की थी, जिस पर आज यानी सोमवार को सुनवाई हुई। उनकी ओर से कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए।
सिब्बल ने मामले को गंभीर बताते हुए अदालत से इस पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया। कोर्ट ने इस पर प्रवर्तन निदेशालय का पक्ष जाना। ईडी की ओर से पेश हुए वकील एके दास ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा। जस्टिस एस चंद्रशेखर ने 9 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 12 फरवरी को निर्धारित की। इस दौरान हेमंत सोरेन ईडी की कस्टडी में ही रहेंगे।
फ्लोर टेस्ट में शामिल हुए पूर्व सीएम
जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 31 जनवरी की रात गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची की पीएमएलए अदालत ने पांच दिन की कस्टडी में भेजा है। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें सोमवार को विधानसभा में बहुमत परीक्षण में शामिल होने की इजाजत दे दी थी। जिसके बाद पूर्व सीएम सोरेन ईडी अधिकारियों के साथ आज विधानसभा पहंचे और फ्लोर टेस्ट में शामिल हुए।
ईडी भी राहत के लिए पहुंची है हाईकोर्ट
पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने उनके दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी करने वाले ईडी अधिकारियों के विरूद्ध एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करा रखा है। सोरेन की शिकायत पर रांची के एससी/एसटी थाने में एजेंसी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में तैनात देवब्रत झा, कपिल राज, अमन पटेल, अनुपम कुमार व अन्य अज्ञात के विरूद्ध 31 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इसके विरूद्ध ईडी ने 3 फरवरी को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अभी तक कोर्ट की ओर से याचिका पर सुनवाई की तारीख निर्धारित नहीं की गई है। हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया है कि जांच एजेंसी ने उनके विरूद्ध एक झूठे एवं बनावटी केस में कार्रवाई कर उन्हें और उनके समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की है। इससे वो और उनका परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहा है।