खबरदार! आयकर विभाग के रडार पर है आपके बैंक खाते में जमा होने वाली हर बड़ी राशि

सरकार को इन खबरों ने चिंतित कर दिया है कि देश में विगत दो वर्षों में जो जनधन खाते खुले हैं, उनमें भी पिछले एक सप्ताह में बड़ी तादाद में रकम जमा हुई है। अगर इन खातेदारों को लालच देकर काली कमाई की रकम जमा कराई जाएगी, तो सरकार उन्हें निरस्त करने की कार्रवाई पर भी विवश हो सकती है।

Update: 2016-11-15 09:16 GMT

नई दिल्ली: अगली बार जब आप आयकर रिटर्न भरने जाएंगे तो पहले जैसी साधारण सी खानापूरी की बात भूल जाइए। आपको इस बात का हिसाब हाथ में रखना होगा कि नोट बंदी के बाद या उसके कुछ पहले कितनी नकद राशि आपके खाते में जमा हुई थी। देश भर के सभी आयकरदाताओं को वेबसाइट के नए प्रारूप के हिसाब से उस बड़ी नकदी का ब्यौरा एक फार्म में भरकर देना होगा। हालांकि, सरकार ने दावा किया है कि ढाई लाख तक की नकद जमा राशि की जानकारी आयकर विभाग के रडार से दूर रखी जाएगी।

फीडबैक से सतर्क सरकार

वित्त मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सरकार की ओर से लोगों में दहशत का माहौल ठंडा करने के लिए यह बात कही गई है कि ढाई लाख तक की रकम आयकर विभाग की निगरानी से बाहर रहेगी। आयकर विभाग की ओर से सरकार को यह फीडबैक मिल रहा है कि आने वाले वक्त में यह बड़ी समस्या आने वाली है कि देशभर में पिछले सप्ताह से हर रोज हजारों लोगों के खातों में एक साथ ढाई-ढाई लाख तक की रकम जमा हो रही है। इस सिलसिले में बैंकों से पूरा आंकड़ा तैयार कराने की समानांतर व्यवस्था पहले ही ईजाद कर दी गई है।

जमा राशियों के इस चक्र के तहत ज्यादातर नकदी जमा राशि उन गरीब-मजदूरों के खातों में हो रही है, जो कभी भी अपने बैंक में कुछ सौ या हजार रूपए से ज्यादा नहीं रख पाते थे। इसके पीछे वजह यह कि उनकी कमाई न के बराबर है। आयकर विभाग की नजर इस बात पर है कि जिनके पास काला धन है वे किसी न किसी तरीके से अपना काला धन सफेद करने के लिए अपनी जान पहचान व पहुंच के लोगों के खातों में ढाई लाख की सीमा के भीतर जमा करवा रहे हैं।

बड़ी रकम पर कड़ी निगरानी

आयकर विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि लोगों के पैन नंबर के आधार पर उनके बैंक खातों पर निगरानी रखी जा रही है। उन आंकड़ों पर भी नजर रखी जा रही है जिनके तहत कई लोग अपने सभी बैंक खातों में छोटी छोटी राशियां जमा करवाकर आयकर विभाग की नजर में धूल झोंक रहे हैं। ऐसे खातों में जिनमें पिछले एक-एक साल के क्रम के अनुपात में अचानक मोटी रकम जमा करने का पैटर्न दिखेगा, उन खातों को अलग से मॉनीटरिंग सेल के सुपुर्द कर दिया जाएगा।

सरकार को इन खबरों ने और भी चिंतित कर दिया है कि देश में विगत दो वर्षों से जिन लाखों लोगों के जनधन खाते खुलवाए गए हैं, उनमें भी पिछले एक सप्ताह से बड़ी तादाद में रकम जमा करने की रिपोर्टें मिल रही हैं। जनधन योजना चूंकि एक सामाजिक सुरक्षा का खाता है और अगर उन खातेदारों को लालच देकर काली कमाई वाले रकम जमा करवाएंगे, तो ऐसे खातों की सूक्ष्मता से मानीटरिंग कर सरकार उन्हें निरस्त करने की कार्रवाई पर भी विवश हो सकती है। बताते चलें कि कालेधन पर केंद्र सरकार की एसआईटी की सिफारिशों के आधार पर आने वाले दिनों में कुछ और रोडमैप भी तैयार होने वाले हैं। गौरतलब है, कि एसआईटी के मुखिया जस्टिस एमबी शाह व जस्टिस अरिजित पसायत ने केंद्र सरकार को स्पष्ट राय दी है कि कालेधन को सफेद करने की अरसे से चली आ रही प्रथा पर लगाम कसने के लिए छोटे-छोटे कदमों को इस ढंग से उठाया जाना जरूरी है। इससे सूक्ष्म मात्रा में भी काली कमाई को सफेद नहीं किया जा सकेगा।

(फोटो साभार: इंडियनएक्सप्रेस)

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