UGC News: उच्च शिक्षा आयोग को मिलेगा 5 करोड़ तक जुर्माना और जेल भेजने अधिकार

UGC News: यूजीसी और एआईसीटीई को मिलाकर एक नई संस्था देश में एचईसीआई प्रस्तावित है। इस नई संस्था को काफी पैना और धारदार बनाया जाएगा।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2022-11-13 08:08 GMT

UGC News (Social Media)

UGC News: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) को मिलाकर एक नई संस्था भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) प्रस्तावित है। इस नई संस्था को काफीपैना और धारदार बनाया जाएगा। सरकार इसे 5 करोड़ रुपये तक जुर्माना और संस्थानों के प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्तियां देने पर विचार कर रही है। यूजीसी, उच्च शिक्षा (गैर-तकनीकी) पर सर्वोच्च नियामक संस्था है। 1956 में बने अधिनियम के तहत इसे फर्जी विश्वविद्यालयों की स्थापना सहित उल्लंघन के लिए अधिकतम 1,000 रुपये का जुर्माना लगाने का अधिकार है। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब प्रस्तावित भारी जुर्माने का उल्लेख एचईसीआई विधेयक में किया जा सकता है, जिसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने के लिए तैयार किया जा रहा है। यह भी पता चला है कि केंद्र द्वारा प्रस्तावित 15 सदस्यीय निकाय में कम से कम एक राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति और राज्य उच्च शिक्षा परिषदों के दो प्रोफेसरों की उपस्थिति निर्धारित करने की संभावना है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा अन्य सदस्यों में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति, उच्च शिक्षा सचिव, वित्त सचिव, एक कानूनी विशेषज्ञ और उद्योग से एक प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होने की संभावना है।

उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना का प्रयास 2018 में किया गया था लेकिन उस समय इसमें राज्यों का प्रतिनिधित्व नहीं था सो राज्यों और शिक्षाविदों के एक वर्ग के विरोध का सामना करना पड़ा था। अब नए प्रयास के तहत आयोग में राज्यों के प्रतिनिधित्व को अनिवार्य करने का कदम उठाया गया है। 2018 के मसौदा विधेयक की आलोचना इस बात पर भी की गई थी कि केंद्र को आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को हटाने की शक्ति दी गई है। बताया जाता है कि नए विधेयक में उस खंड को बरकरार रखा गया है, लेकिन इस शर्त के साथ कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा जांच के बाद ही निष्कासन किया जा सकता है। 

सूत्रों ने कहा कि विधेयक में अपराधों, दंड और निर्णय पर एक समर्पित खंड होगा, जो उल्लंघन की प्रकृति के आधार पर जुर्माना लगाएगा। यदि उल्लंघन मामूली हैं, तो आयोग नोटिस जारी कर सकता है और स्पष्टीकरण मांग सकता है। हालांकि, अगर मुद्दों का समाधान नहीं किया जाता है, तो उल्लंघन करने वालों पर न्यूनतम 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। "मध्यवर्ती उल्लंघनों" के लिए, न्यूनतम 30 लाख रुपये का जुर्माना होगा, जबकि "गंभीर उल्लंघनों" के लिए 5 करोड़ रुपये तक जुर्माना और पांच साल तक की जेल हो सकती है। 

साथ ही, किसी भी उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा किए गए उल्लंघन के लिए, संस्थान के "कार्यकारी प्रमुख" को उत्तरदायी बनाने का प्रस्ताव है। विधेयक के प्रावधानों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के साथ जोड़ा जा रहा है, जिसमें सिफारिश की गई थी कि चिकित्सा और कानूनी शिक्षा को प्रस्तावित एचईसीआई के दायरे से बाहर रखा जाए, जिसके तहत सामान्य, तकनीकी, शिक्षक, व्यावसायिक और अन्य व्यावसायिक शिक्षा आएगी। प्रस्तावित आयोग के चार स्वतंत्र कार्यक्षेत्र होंगे - राष्ट्रीय उच्च शिक्षा नियामक परिषद, राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद, उच्च शिक्षा अनुदान परिषद और सामान्य शिक्षा परिषद, जिसके एक-एक अध्यक्ष होंगे।

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