यहां है अरबों का खजाना, फिर भी नहीं जाता कोई भी अन्दर
हिमाचल प्रदेश के रहस्यमयी किले के बारे में। हिमाचल प्रदेश का यह किला हमीरपुर जिले में है, जहाँ अरबों रूपयों का खजाना छुपा हुआ है। पर उसे कोई खोज नहीं सका। अरबों के इस खजाने वाले किले को सुजानपुर के किले के नाम से जाना जाता है।
नई दिल्ली : सोने की चिड़िया कहा जाने वाला हमारा देश भारत जिसे रजवाड़ों का देश भी कहा जाता था। यहां की विरासत, सभ्यता और संस्कृति की अपनी अनोखी ही पहचान है। आज भी इनकी छाप देश के कई स्थानों पर देखने को मिलती हैं। ऐसे कई किलें से जिनका इतिहास ही किसी को नहीं पता।
हिमाचल का ये खजांची किला
इसी सिलसिले में हम आपको बताते हैं हिमाचल प्रदेश के रहस्यमयी किले के बारे में। हिमाचल प्रदेश का यह किला हमीरपुर जिले में है, जहाँ अरबों रूपयों का खजाना छुपा हुआ है। पर उसे कोई खोज नहीं सका।
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अरबों के इस खजाने वाले किले को सुजानपुर के किले के नाम से जाना जाता है। और खजाना छुपा होने के कारण इसे खजांची किला भी कहा जाता है। इस किले को कटोच वंश के राजा अभय चंद ने सन् 1758 में बनया था। इनके बाद राजा संसार चंद ने इस किले पर राज किया था।
खजाने की बात करें तो यहां राजा संसार चंद का खजाना अभी भी है। लेकिन इस खजाने तक कोई पहुंच नहीं पाया है।
नहीं पता सुरंग का आखिरी छोर
हिमाचल के इस किले के बारे में बताया जाता है कि किले के भीतर 5 किलोंमीटर लम्बी सुरंग है। लोगों को किले में सुरंग है यह तो पता है लेकिन कोई यह नहीं जानता कि सुरंग का आखिरी छोर कहां तक गया है। सुरंग के अंदर 100 मीटर से ज्यादा भीतर जाने के बारे में कोई सोचता तक नहीं है।
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किले के राजा संसार इस सुरंग का प्रयोग लुटे हुए खजाने को छुपाने के लिए करते थे। इसमें एक गुप्त रास्ता बना हुआ है, जो सीधे खजाने तक जाता है। इस खजाने को पाने के लिए बहुत से लोग खुदाई कर चुके हैं, लेकिन उनके हाथों में नाकामी हासिल हुई है। खजाने के बारे में कहा जाता है कि खजाने का रहस्य राजा संसार चंद के मरने के साथ ही खत्म हो गया है। उनके परिवार तक को इस खजाने का रहस्य नहीं पता था।
इस किले के पास रहने वाले ग्रामीणों का इस बारे में कहना है कि रात के समय किले से अजीब-अजीब सी आवाजें सुनाई देती हैं। गांववालों का कहना है कि इन खजानों की रक्षा करने के लिए किले में रूहानी ताकतें हैं। जो इस किले के खजाने की रक्षा करती हैं। हालांकि, इस बात का किसी के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
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