सावधान: जाने कब तक रहेगा मलमास, शुभ कार्य में आ सकती है बाधा
हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले हम कैलेंडर ज़रूर देखते है। तभी कोई भी माग्लिक कार्य को शुरू करते हैं। कोई भी अपने काम में रुकावट नही चाहते जिसके चलते लोग शुभ काम करने से पहले कैलेंडर ज़रूर देखते है।
हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले हम कैलेंडर ज़रूर देखते है। तभी कोई भी माग्लिक कार्य को शुरू करते हैं। कोई भी अपने काम में रुकावट नही चाहते जिसके चलते लोग शुभ काम करने से पहले कैलेंडर ज़रूर देखते है।
इस साल कोरोना की वजह से कई मंगल कार्य वैसे भी रुक गए । बता दें , हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर तीन साल में एक बार अतिरिक्त महीना जुड़ जाता है, जिसे अधिकमास, मल मास या पुरुषोत्तम कहा जाता है। सूर्य वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता है। वहीं चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है। हर साल घटने वाले इन 11 दिनों को जोड़ा जाए तो यह एक माह के बराबर होते है। इसी अंतर को हटाने के लिए हर 3 साल में एक चन्द्र मास अस्तित्व में आते है।
ऐसे पड़ा पुरुषोत्तम मास नाम
इस बार अधिक मास 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक रहेगा। अधिक मास को पहले बहुत अशुभ माना जाता था। बाद में श्रीहरि ने इस मास को अपना नाम दे दिया। तभी से अधिक मास का नाम "पुरुषोत्तम मास" हो गया। इस मास में भगवान विष्णु के सारे गुण पाए जाते हैं। हालांकि, इस दौरान कुछ विशेष कार्य करने से बचना चाहिए।
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मंगल कार्य में बाधा
इस साल विवाह वर्जित होता है। इस समय अगर विवाह किया जाए तो न तो भावनात्मक सुख मिलेगा ना ही शारीरिक सुख। पति पत्नी के बीच अनबन होगी और घर में सुख शांति का वास नहीं होगा। अगर विवाह करने का सोच रहे है तो अधिकमास शुरू होने से पहले ही करें। नए व्यवसाय या नया कार्य आरम्भ न करें। मलमास में नया व्यवसाय आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलों को जन्म देता है। इसलिए नया काम, नई नौकरी या बड़ा निवेश करने से बचें।
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संपत्ति का क्रय करने से बचें
अन्य मंगल कार्य जैसे कि कर्णवेध, और मुंडन भी वर्जित माने जाते हैं, क्योंकि इस अवधि में किए गए कार्यों से रिश्तों के खराब होने की सम्भावना ज्यादा होती है। इस समय नए मकान का निर्माण और संपत्ति का क्रय करना वर्जित होता है। इस अवधि में किए गए ऐसे शुभ कार्यों में बाधाएं।
उत्पन्न होती हैं और घर में सुख-शांति का बना रहना भी मुश्किल होता है। अगर आपको घर खरीदना है या कोई संपत्ति खरीदनी है तो अधिकमास के आने से पहले ही खरीद लें। अधिकमास में भौतिक जीवन से संबंधित कार्य करने की मनाही है। इसके अलावा मांगलिक कार्य करने की भी मनाही होती है। हालांकि जो कार्य पूर्व निश्चित हैं, वे पूरे किए जा सकते हैं।
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