महिलाओं से ज्यादतीः अनिवार्य हुआ FIR लिखना, दो महीने में पूरी होगी जांच

हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाथरस में लड़की के साथ गैंगरेप का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं। देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मामला गर्म हो गया हैं।

Update: 2020-10-10 11:04 GMT
महिला सुरक्षा की मांग

हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाथरस में लड़की के साथ गैंगरेप का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं। देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मामला गर्म हो गया है। वही दूसरी तरफ महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है। अक्सत देखा गया है कि महिलानों के साथ अपराध होने के बाद वह थाने के चक्कर काटने पर मजबूर हो जाती हैं।

सरकार ने जारी की एडवाइजरी

अब सरकार की ओर से हुई एडवाइजरी के मुताबिक महिलाओं के अपराध पर FIR डार्क करना अनिवार्य होगा। अब मंत्रालय ने IPC और CRPC के प्रावधान गिनाते हुए कहां कि राज्‍य/केंद्रशासित प्रदेश इनका पालन सुनिश्चित करें। गृह मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि एडवाइजरी में जारी बातों पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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गृहमंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिर्क

दिशा निर्देशों में साफ किया गया है कि महिलाओं के खिलाफ अगर कोई चुक होती है तो मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। धारा 166 (A) FIR दर्ज न करने की स्थिति में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की इजाज़त देता है। सीआरपीसी की धारा 173 के तहत दुष्कर्म के मामले में 2 महीने के भीतर जांच पूरी करना ज़रूरी है। वही सीआरपीसी के सेक्‍शन 164-A के अनुसार दुष्कर्म के किसी भी मामले की सूचना मिलने के 24 घंटे के अंदर पीड़िता की सहमति से एक रजिस्‍टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर मेडिकल जांच करेगा।

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