Border Dispute: गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान, असम-अरूणाचल सीमा विवाद अगले साल तक सुलझ जाएगा
Assam-Arunachal Border Dispute: 2 दिन के अरूणाचल दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तिरप जिले में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत की।
Border Dispute: असम और अरूणाचल प्रदेश के बीच चले आ रहे दशकों पुराने सीमा विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। चीन के साथ लंबी सीमा साझा करने वाले अरूणाचल प्रदेश के दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे(Amit Shah Arunachal Pradesh visit) शाह ने कहा कि दोनों राज्यों (Arunachal Pradesh and assam border dispute) के बीच चला आ रहा सीमा विवाद अगले साल तक सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि असम और अरूणाचल प्रदेश के बीच सीमा संबंधी 60 प्रतिशत मुद्दों को पहले ही सुलझाया जा चुका है।
पीएम मोदी ने बोडोलैंड की समस्या को सुलझाया
2 दिन के अरूणाचल दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Amit Shah Arunachal Pradesh visit) ने तिरप जिले में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के स्वर्ण जयंती समारोह (Golden Jubilee celebrations of Ramakrishna Mission Ashram) में शिरकत की। इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने मोदी सरकार द्वारा उत्तर - पूर्व के राज्यों के लिए किए गए कार्यों का बखान किया।
उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्ट में जो युवा रास्ता भटक गए थे, हाथ में हथियार लेकर अपने ही रास्ते में खड़े हो गए थे, वो मोदी सरकार के आठ साल में हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं और देश की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। पीएम मोदी ने बोडोलैंड की समस्या (Bodoland's problem) को इतने सालों बाद सुलझाया है। हमने ब्रू शरणार्थियों की समस्या को स्थायी समाधान देने का काम किया है।
क्या है असम – अरूणाचल सीमा विवाद
What is the Assam-Arunachal border dispute
असम अरूणाचल प्रदेश के साथ 804 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। हालांकि, शुरू में कोई विवाद नहीं था, मगर सालों से एक राज्य के निवासियों के द्वारा दूसरे पर भूमि का अतिक्रमण करने के आरोपों ने विवाद और हिंसा को जन्म दिया है।
इस मुद्दे पर 1989 से सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लंबित है। असम सरकार में सीमा मामलों के मंत्री अतुल बोरा के मुताबिक, दोनों राज्यों के बीच सीमा पर 123 गांव हैं जो विवाद में हैं। इस गांवों पर दोनों पक्ष अपना दावा ठोंकते हैं।
आपको बता दें कि बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आग्रह के बाद दोनों राज्यों ने बातचीत के माध्यम से अपने सीमा विवाद को अदालत के बाहर निपटाने का संकल्प लिया था।
इस साल अप्रैल में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री इस मसले पर बैठक भी कर चुके हैं और दोनों ने इसे सकारात्मक बताया था। दरअसल दोनों राज्यों में बीजेपी सरकार होने के कारण माना जा रहा है कि दशकों पुराने इस विवाद का अब पटाक्षेप निकट है।