Delhi News: मनीष सिसोदिया की बढ़ने वाली है मुश्किलें, जासूसी मामले में सीबीआई को केस दर्ज करने की मिली अनुमति

Delhi News: जासूसी मामले में डिप्टी सीएम पर केस दर्ज करने की अनुमति केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को दे दी है।

Update:2023-02-22 09:42 IST

Manish sisodia (Photo: Social Media)

Delhi News: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। शराब घोटाले में सीबीआई और ईडी की जांच का सामना कर रहे सिसोदिया के खिलाफ एक और जांच का रास्ता खुल गया है। जासूसी मामले में डिप्टी सीएम पर केस दर्ज करने की अनुमति केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को दे दी है। सिसोदिया दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं। ऐसे में इसे सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद एक फीडबैक यूनिट (FBU) बनाई। इसका काम विभागों, संस्थानों और स्वतंत्र संस्थानों की निगरानी करना था और यहां के कामकाजी पर प्रभावी फीडबैक देना था, ताकि इस आधार पर जरूरी सुधारों का एक्शन लिया जा सके। सीबीआई ने अपनी शुरूआती जांच में पाया कि FBU को जो काम दिया गया था, वह उसके अलावा खुफिया राजनीतिक जानकारियां भी जुटाने लग गई।

वही किसी व्यक्ति की राजनीतिक गतिविधियों, उससे जुड़े संस्थानों और आम आदमी पार्टी के राजनीतिक फायदे वाले मुद्दों के लिए जानकारी जुटाने में लग गए। केंद्रीय जांच एजेंसी ने FBU के 700 केसों की जांच की तो पाया कि इनमें से 60 प्रतिशत मामले राजनीतिक थे। सीबीआई ने FBU की जांच विजिलेंस विभाग में तैनात एक अफसर की शिकायत पर 2016 में शुरू की थी।

एलजी दे चुके हैं अनुमति

12 जनवरी 2023 को सीबीआई ने विजिलेंस विभाग में रिपोर्ट दाखिल की थी। एजेंसी ने एलजी से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 2016 में विजिलेंस के डायरेक्टर रहे सुकेश कुमार जैन पर केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने इसकी मंजूरी दे दी थी। एलजी से अनुमति के बाद अब गृह मंत्रालय ने भी सीबीआई को हरी झंडी दे दी है।

बता दें कि मनीष सिसोदिया शराब घोटाला मामले में भी सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। पिछले दिनों जांच एजेंसी ने नोटिस कर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन सिसोदिया ने बजट बनाने का हवाला देते हुए सीबीआई से कुछ दिन के लिए समय मांगा, जिसे जांच एजेंसी ने मान लिया। आप नेता ने दावा किया था कि सीबीआई उन्हें पूछताछ के बहाने गिरफ्तार करने वाली थी। 

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