देश सोएगा सुकून की नींद: दूर होगी महामारी, तेजी से शुरू ट्रायल

क्लीनिकल ट्रायल के पहले व दूसरे चरण के लिए मंजूरी मिलने के बाद फार्मा कंपनी भारत बायोटेक और जायडस कैडिला ने देश के 06 शहरों में अपनी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है।

Update:2020-07-26 14:27 IST

लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच जहां एक ओर सरकार इससे बचाव के तमाम उपाय कर रही है तो वहीें चिकित्सा विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इसको काबू में करने के लिए वैक्सीन बनाने में भी जुटे हुए है। देश की कई फार्मा कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी हुई है और वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भी शुरू कर चुकी है।

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क्लीनिकल ट्रायल के पहले व दूसरे चरण के लिए मंजूरी

 

इसी क्रम में क्लीनिकल ट्रायल के पहले व दूसरे चरण के लिए मंजूरी मिलने के बाद फार्मा कंपनी भारत बायोटेक और जायडस कैडिला ने देश के 06 शहरों में अपनी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है। वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल हैदराबाद, पटना, कांचीपुरम, रोहतक और नई दिल्ली में पहले ही शुरू किया जा चुका है और जल्द ही यह नागपुर, भुवनेश्वर, बेलगाम, गोरखपुर, कानपुर, गोवा और विशाखापत्तनम में भी शुरू होगा। भारत बायोटेक और जायडस कैडिला दोनों ने ही बीती 15 जुलाई को अपने वालेंटियरों को अपनी कोवैक्सीन की पहली डोज दी थी।

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पहले चरण में ये लोग शामिल होंगे

काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के साथ वैक्सीन तैयार करने में जुटी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का दिल्ली और पटना के एम्स, पीजीआई रोहतक समेत 12 शहरों के 12 अस्पतालों में टेस्ट किया जाएगा। पहले चरण में 18 से 55 वर्ष के बीच पूरी तरह से स्वस्थ 500 स्वयंसेवक शामिल होंगे। जबकि जायडस कैडिला की वैक्सीन अभी अहमदाबाद के रिसर्च सेंटर तक ही सीमित है। जबकि ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका के साथ कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए काम कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट को भी ह्यूमन ट्रायल के लिए मंजूरी का इंतजार है।

15 जुलाई को 11 वालेंटियरों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई

इस बीच पटना एम्स में बीती 15 जुलाई को जिन 11 वालेंटियरों को कोवैक्सीन की पहली डोज दी गई थी, उसके नतीजे तो अभी नहीं आये है लेकिन उनमे किसी तरह का कोई बड़ा साइड इफेक्ट भी सामने नहीं आया है। पहले डोज के नतीजे आने के बाद आगामी 29 जुलाई को पटना एम्स में वालेंटियरों को कोवैक्सीन की दूसरी डोज दी जानी है।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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