Hyderabad Liberation Day: ‘हैदराबाद लिबरेशन डे’ कार्यक्रम में शामिल हुए अमित शाह, विरोधियों पर साधा निशाना

Hyderabad Liberation Day: अमित शाह ने कहा कि वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के चलते पुरानी सरकारें जश्न मनाने से डरती रहीं। उन्होंने आगे कहा कि इतिहास से मुंह मोड़ने वालों से देश की जनता भी मुंह मोड़ लेगी।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-09-17 16:01 IST

Hyderabad Liberation Day(Pic:Social Media)

Hyderabad Liberation Day 2023: केंद्रीय गृह मंत्री अमित रविवार 17 सितंबर को एकदिवसीय दौरे पर तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद पहुंचे। यहां उन्होंने ‘हैदराबाद लिबरेशन डे’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। दरअसल आज ही के दिन 1948 में तत्कालीन हैदराबाद रियासत को निजाम के आतंक एवं अत्याचार से मुक्त कराकर भारत में मिलाया गया था। शाह ने इस दौरान पूर्व की सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बीते 75 सालों में लिबरेशन डे कार्यक्रम वोटबैंक की राजनीति के कारण नहीं मनाया गया।

अमित शाह ने कहा कि वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के चलते पुरानी सरकारें जश्न मनाने से डरती रहीं। उन्होंने आगे कहा कि इतिहास से मुंह मोड़ने वालों से देश की जनता भी मुंह मोड़ लेगी। लिबरेशन डे कार्यक्रम के मौके पर हैदराबाद परेड ग्राउंड में सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के जवानों ने परेड की। गृह मंत्री शाह ने ग्राउंड में लगे देश के प्रथम गृह मंत्री एवं लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

सरदार पटेल ने दिलाई आजादी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निजाम के क्रूर शासन से हैदराबाद को आजादी दिलाने के पीछे लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल और केएम मुंशी का सबसे बड़ा योगदान बताया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद 399 दिनों तक हैदराबाद पर क्रूर निजाम ने राज किया। ये दिन यहां के लोगों के लिए परेशानियों से भरे थे। 400वें दिन सरदार पटेल ने आजादी दिलाने में मदद की। शाह ने कहा कि इसके लिए कई संगठनों ने भी संघर्ष किया है, जिसके बलिदान को याद रखा जाना चाहिए।

हैदराबाद में आज अलग-अलग कार्यक्रम

हैदराबाद के भारत में विलय के उस ऐतिहासिक दिन के अवसर पर बीजेपी, बीआऱएस, कांग्रेस और एआईएमआईएम अलग-अलग कार्यक्रम कर रही है। केंद्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय आज के दिन को लिबरेशन डे (मुक्ति दिवस) के रूप में मना रहा है। वहीं राज्य में सरकार चला रही बीआरएस राष्ट्रीय एकता दिवस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम कौमी एकता दिन मना रही है। वहीं, मुख्य विपक्षी कांग्रेस आज के दिन को विलय दिवस के रूप में मना रही है।

75 साल पहले क्या हुआ था आज के दिन ?

15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत को भले आजादी मिल गई थी। लेकिन देश में कुछ ऐसी भी रियासतें थीं, जो अब तक भारतीय गणराज्य का हिस्सा नहीं बनी थीं। उनमें सबसे प्रभावशाली और संसाधन संपन्न माने जाने वाला हैदराबाद रियासत भी था, जिसके निजाम के रईसी के किस्से दुनिया भर में मशहूर थे। निजाम एक हिंदू बहुल आबादी वाले राज्य के मुस्लिम शासक थे और भारत के साथ कतई नहीं जाना चाहते थे।

भारत पर दबाव डालने के लिए निजाम के रजाकारों ने राज्य की हिंदू आबादी पर अत्याचार शुरू कर दिया था। जिसके बाद भारत ने हस्तक्षेप करते हुए अपनी सेना भेजा दी और महज 5 दिन के जंग में निजाम मीर उस्मान अली खान ने सरेंडर कर दिया। यह दिन 17 सितंबर 1948 का था। इसके बाद हैदराबाद को भारत में शामिल कर लिया गया। आज हैदराबाद के भारत में शामिल होने के 75 साल पूरे हो गए हैं। 

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