खबरदार: डिजिटल ऐप से न लें लोन, बन सकता है जान का दुश्मन

हैदराबाद पुलिस ने हाल ही में एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया, जो ऑनलाइन ऐप के जरिए लोन के फर्जीवाड़े का सरगना बताया जाता है। पुलिस ने उस समय चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया, जब वह दिल्ली एयरपोर्ट से भारत छोड़कर जा रहा था।

Update: 2021-01-02 08:07 GMT
खबरदार: डिजिटल ऐप से न लें लोन, बन सकता है जान का दुश्मन

नीलमणि लाल

लखनऊ। ऑनलाइन लोन का एक बहुत बड़ा रैकेट देश में चल रहा है जिसके तार चीन तक से जुड़े हुए हैं। यह रैकेट ऐप के जरिये तत्काल लोन दे देता है।फिर उसके बाद शुरू होता है जबरदस्त ब्याज और वसूली का कुचक्र। जिसमें फंस कर बहुत लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। अगर आप किसी ऐसे ऐप को जानते हैं तो तत्काल उसे डिलीट कर दीजिये।किसी भी हालत में इन ऐप के जरिये लोन नहीं लें।

ऐप के जरिए चीनी नागरिक कर रहा था लोन के फर्जीवाड़े का काम

हैदराबाद पुलिस ने हाल ही में एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया, जो ऑनलाइन ऐप के जरिए लोन के फर्जीवाड़े का सरगना बताया जाता है। पुलिस ने उस समय चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया, जब वह दिल्ली एयरपोर्ट से भारत छोड़कर जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन चीनी नागरिक समेत 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि ऑनलाइन लोन के फर्जीवाड़े को लेकर कम से कम 90 ऐसी शिकायतें मिली हैं जिनमें कहा गया है कि लोन देने वाले ऐप्स द्वारा उन्हें कर्ज नहीं चुकाने पर परेशान किया जा रहा है।इस फर्जीवाड़े के शिकार हुए तीन लोग आत्महत्या भी कर चुके हैं।

कॉल सेंटर चलाने वाले भी गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि मास्टरमाइंड चार कंपनियों का मालिक था, जिस पर 21 हजार करोड़ रुपये के 1 हजार 40 लाख लेनदेन हुए। शुरुआती जांच में पता चला है कि चार कंपनियां 30 लोन ऐप से जुड़ी हैं। पुलिस ने लगभग 10 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। इन खातों में कुल 80 करोड़ रुपये की रकम जमा बताई जाती है। चीनी नागरिकों के अलावा पुलिस ने ऐप के लिए कॉल सेंटर चलाने वालों को भी गिरफ्तार किया है, कर्जदारों को धमकाने और ब्लैकमेल करने के लिए इन कॉल सेंटरों से फोन करने का आरोप है।

डिजिटल ऐप से आसान लोन

डिजिटल ऐप्स आधे घंटे के अंदर आवेदक को पैसे दे देते हैं, हालांकि इसके बदले वे ऊंची ब्याज दर वसूल करते हैं। समय पर कर्ज नहीं चुकाने वालों को लगातार लोन ऐप कंपनी की तरफ से फोन कर परेशान किया जाता, मोबाइल पर मैसेज भेजे जाते यहां तक कि उन्हें फर्जी एफआईआर और कोर्ट के नोटिस के मैसेज भी भेजे जाते हैं। रिश्तेदारों और आस पड़ोस के लोगों के सामने कर्ज नहीं चुकाने वालों को ऐप कंपनी के लोग बेइज्जत भी करते हैं। पिछले एक महीने में ऐसी ऐप आधारित कंपनियों के उत्पीड़न से कथित तौर पर तंग आकर एक इंजीनियर समेत तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली है। बताया जाता है कि लोन ऐप कंपनियां अब तक करीब 21,000 करोड़ का कारोबार कर चुकी हैं।

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चीन का कनेक्शन

जिस चीनी सरगना को गिरफ्तार किया गया है उसका नाम झू वेई उर्फ लाम्बो है। वो फ्रैंकफर्ट के रास्ते शंघाई भागने की फिराक में था। पासपोर्ट पर लगी उसकी तस्वीर और गुड़गांव में उसकी कंपनी के कॉल सेंटर में काम करने वाली कर्मचारी के मोबाइल से तस्वीर मेल खा गई और वह गिरफ्तार कर लिया गया।

लोन चुकाने के लिए लोन

ऐप के जरिए तत्काल लोन देने वाली कंपनियां एक खास तरह से कर्जदारों को अपने जाल में फंसाती हैं। पहला तो उनसे ऊंची ब्याज दर (35 फीसदी तक) वसूलती और बकाया होने पर बदनाम करने की धमकी देती हैं। कई बार कर्जदार को पहले लोन को चुकाने के बदले दूसरे लोन ऐप से लोन दिलवाया जाता जिससे कि कर्ज का कभी खत्म नहीं होने वाला एक चक्र बन जाता है।

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5 हजार का लोन ढाई लाख का हो गया

हैदराबाद की एक कृषि अधिकारी ने करीब पांच हजार रुपये का लोन ऐप कंपनी से लिया था। जब वे पहला कर्ज नहीं चुका पाई तो कंपनी ने दूसरी कंपनी से लोन दिलवा दिया और ऐसा होते हुए, उन पर 55 ऐप की देनदारी बन गई। पांच हजार का लोन बढ़कर ढाई लाख रुपये का हो गया। बाद में परेशान होकर इस अधिकारी ने खुदकुशी कर ली।

आसानी से लोन

लोन ऐप कंपनी पैन कार्ड, आधार, आधार से जुड़ा हुआ मोबाइल नंबर, कंपनी द्वारा दिए वेतन का विवरण, बैंक खाते की जानकारी आदि के आधार पर लोन देती हैं। इन सब दस्तावेजों को ऐप पर अपलोड करना पड़ता है और उसके बाद कंपनी आवेदक के बैंक खाते में कुछ ही मिनटों में कर्ज की रकम ट्रांसफर कर देती है।

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