Hyderabad में 712 Cr. के चाइनीज फ्रॉड का भंडाफोड़, 15,000 भारतीयों को लगा चूना, आतंकी संगठन हिजबुल्लाह से भी जुड़े तार
Hyderabad Cyber Fraud: हैदराबाद पुलिस ने संबंधित मामले में अहमदाबाद से भी एक आरोपी को दबोचा है। ये व्यक्ति चाइनीज ऑपरेटर से जुड़ा था।
Hyderabad Cyber Fraud: हैदराबाद पुलिस (Hyderabad Police) ने चीनी ऑपरेटरों से जुड़े एक बड़े धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश किया। साल भर से भी कम समय में करीब 15,000 भारतीयों को 700 करोड़ रुपए से भी अधिक का चूना लगाया गया। राज्य पुलिस ने बताया कि, ये पैसा दुबई के रास्ते चीन भेजा गया। कुछ रकम लेबनान (Lebanon) स्थित एक आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह (Terror Groups Hezbollah) द्वारा संचालित खाते में भी भेजा गया।
एक पुलिस विज्ञप्ति के अनुसार, साइबर क्राइम पुलिस ने हैदराबाद के रहने वाले एक शख्स की शिकायत पर मामला दर्ज किया। शिकायतकर्ता ने बताया कि, उसे एक मैसेजिंग ऐप के जरिये 'रेटिंग और समीक्षा' (कुछ कार्यों) के लिए पार्ट टाइम जॉब की पेशकश की गई थी। इसे असली मानकर उसने उनकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा दिया और धोखाधड़ी का शिकार हो गया।
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लेबनान और हिजबुल्लाह से जुड़े तार
हैदराबाद पुलिस के अनुसार, साइबर फ्रॉड से जुड़े कुछ क्रिप्टो वॉलेट ट्रांजैक्शन (Crypto Wallet Transaction) का लेबनान स्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह वॉलेट के साथ भी लिंक जाहिर हुआ है। ये वॉलेट टेरर फाइनेंस मॉड्यूल से जुड़ा है।
लोगों को ऐसे बनाते थे शिकार
हैदराबाद पुलिस (Hyderabad Police) के मुताबिक, लोगों को रिव्यू करने के बहाने कमाई का लालच दिया जाता था। फिर उनके साथ ठगी होती थी। इस पूरे मामले में देशभर से अब तक 9 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। इनमें 4 लोगों को हैदराबाद से, 3 लोगों को मुंबई से और 2 को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया है। ये सभी चाइनीज हैंडलर्स (Chinese handlers) के कहे अनुसार काम करते थे।
क्या कहा पुलिस कमिश्नर ने?
हैदराबाद पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद ने खबरिया चैनल एनडीटीवी को बताया कि, 'हम इस बारे में केंद्रीय एजेंसियों को सचेत कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम यूनिट (cyber crime unit) को सभी डिटेल दे दी गई है। पुलिस को अभी भी 6 अन्य आरोपियों की तलाश है। हैदराबाद पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद (Hyderabad Police Commissioner CV Anand) ने मीडिया बताया, यह काफी चौंकाने वाला और सनसनीखेज। उन्होंने बताया उच्च वेतन वाले सॉफ्टवेयर पेशेवरों को भी 82 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।'