आलोचना के बाद ICAI ने वापस लिया फैसला, नोटबंदी को लेकर जारी किया था फरमान
नई दिल्ली: द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया यानि आईसीएआई ने अपने सदस्यों को 9 दिसंबर को एक एडवायजरी जारी कर केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले की आलोचना नहीं करने की चेतावनी दी थी। आईसीएआई ने अपनी वेबसाइट पर एडवायजरी जारी कर निर्देश दिए थे कि, 'सभी सदस्यों को सलाह दी जाती है कि नोटबंदी को लेकर अपने क्लाइंट को राय देने और किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर विचार व्यक्त करने को लेकर सावधान रहें।'
इन निर्देशों की कड़ी आलोचना होने के बाद आईसीएआई ने 10 दिसंबर को वापस ले लिया है। इस एडवायजरी की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना की गई थी जिसके बाद इसे हटा लिया गया।
-इसके अलावा एडवायजरी में नोटबंदी पर नेगिटिव कमेंट्स देने पर सदस्यों को चेताया गया था।
-इसके अलावा आईसीएआई ने बताया कि गलती कर रहे सदस्यों को समझाने के लिए आईसीएआई काम कर रही है।
-आईसीएआई ने कहा, तात्कालिक कदम उठाए गए हैं और संबंधित सदस्यों के खिलाफ जांच शुरू की गई है।
-उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद पुराने नोटों को बंद करने का एलान किया गया था।
-उस समय सरकार ने कहा था कि इस कदम से कालेधन, जाली नोट, आतंकवाद और नक्सलवाद से लड़ने में मदद मिलेगी।