अभय से IITian Baba बने बेटे हालत देखकर रो पड़े पिता, छलका दर्द
IITian Baba: Baba अभय सिंह इन दिनों हर जगह चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनकी अनोखी यात्रा और जीवन का अध्यात्म की ओर मुड़ना हर किसी को हैरान कर रहा है। लेकिन इस चर्चित सफर के पीछे उनके परिवार, खासकर उनके पिता, कर्ण सिंह का दर्द भी छुपा है।;
IITian Baba: प्रयागराज महाकुंभ में आए IITian baba अभय सिंह इन दिनों हर जगह चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनकी अनोखी यात्रा और जीवन का अध्यात्म की ओर मुड़ना हर किसी को हैरान कर रहा है। लेकिन इस चर्चित सफर के पीछे उनके परिवार, खासकर उनके पिता, कर्ण सिंह का दर्द भी छुपा है।
कर्ण सिंह बताते हैं कि अभय बचपन से ही होनहार और अनुशासित था। IIT बॉम्बे में पढ़ाई से लेकर कनाडा में नौकरी तक, उसने हर कदम पर परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया। लेकिन कनाडा से लौटने के बाद, अभय के जीवन ने अचानक एक नया मोड़ ले लिया। नैचुरल पैथी चिकित्सालय में मेडिटेशन के दौरान, उसे अध्यात्म का रास्ता अपनाने की प्रेरणा मिली।
बेटे ने हमारे नंबर किये ब्लॉक
पिता कर्ण सिंह की आवाज कांप उठती है जब वह कहते हैं, “अभय ने कभी अपने इरादों के बारे में खुलकर बात नहीं की। वह मुझसे और अपनी मां से भी ज्यादा बातें नहीं करता था। छह महीने से उसने हम सभी को ब्लॉक कर दिया है। हमें सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए पता चला कि वह अध्यात्म की राह पर चल पड़ा है।”
अभय का यह फैसला परिवार के लिए जितना अप्रत्याशित था, उतना ही कठिन भी। पिता भावुक होकर कहते हैं, “बचपन में जब वह रूठता था, तो उसकी मां उसे मना लेती थी। लेकिन अब, वह किसी से बात नहीं करता। वह धुन का पक्का है। जो ठान लेता है, वही करता है। लेकिन हमें उसकी यह राह समझने में मुश्किल हो रही है।” कर्ण सिंह ने स्वीकार किया कि अभय के इस फैसले ने उन्हें बहुत असमंजस में डाल दिया है। “मैं चाहता हूं कि वह घर लौटे, अपनी मां के पास आए। लेकिन मैं उसे दबाव डालकर कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहता। हो सकता है, उसकी सोच इतनी बड़ी हो कि वह देश के लिए कुछ अध्यात्मिक संदेश देना चाहता हो,” वह कहते हैं।