Impact of Justice Code: 82 हजार बन्दी रिहा होंगे, जमानत का पैसा भरेगी सरकार
Impact of Justice Code: भारतीय न्याय संहिता इसी महीने गणतंत्र दिवस से पहले लागू करने की तैयारी है। इसकी अधिसूचना जारी होने के साथ ही कम गंभीर अपराधों के तहत जेल में बंद करीब 82 हजार विचाराधीन कैदियों की रिहाई प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
Impact of Justice Code: भारतीय न्याय संहिता इसी महीने गणतंत्र दिवस से पहले लागू करने की तैयारी है। इसकी अधिसूचना जारी होने के साथ ही कम गंभीर अपराधों के तहत जेल में बंद करीब 82 हजार विचाराधीन कैदियों की रिहाई प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। देश की जेलों में साढ़े पांच लाख कैदी हैं। कैदियों की कुल संख्या में करीब आधे गैर संगीन अपराधों के कैदी हैं। गैर संगीन अपराध के विचाराधीन बंदियों की संख्या 2 लाख है। इनमें ज्यादातर तो अधिकतम सजा से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं।
ट्रेनिंग दी जाएगी
नई संहिता को समझने के लिए कर्मचारियों की ट्रेनिंग आवश्यक है। इसलिए विचाराधीन कैदियों की रिहाई प्रक्रिया शुरू करने के लिए जेल अधिकारियों, पुलिस बल और वकीलों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और इस क्रम में 3000 प्रशिक्षकों की ट्रेनिंग हो चुकी है। यही ट्रेनर्स अब बाकी लोगों को नए कानून के हिसाब से प्रशिक्षित करेंगे।
जमानत का पैसा देगी सरकार
देश की जेलों में बहुत से ऐसे बन्दी हैं जिनको ज़मानत मिल चुकी है लेकिन वो जमानत का पैसा देने में असमर्थ हैं और इसलिए जेल में बरसों से पड़े हुए हैं। अब सरकार इनकी मदद करेगी। जिन कैदियों के पास जमानत के पैसे नहीं होंगे उनके लिए सरकार ने विशेष फंड की व्यवस्था की है। केंद्र और राज्य सरकार ऐसे कैदियों की जमानत राशि जमा कराएंगी।
कहाँ कितने बन्दी
उत्तर प्रदेश - 1,21,609
बिहार - 64,914
मध्यप्रदेश - 48,857
पंजाब- 30,801
हरियाणा - 25,471
राजस्थान - 24,659
छत्तीसगढ़ - 20,451
झारखंड - 19,415
गुजरात - 16,611
और क्या है नया?
जमानत और रिहाई के लिए विचाराधीन कैदियों को खुद अदालत नहीं जाना पड़ेगा। वे जेल से ही ऑनलाइन अदालत से रूबरू होंगे। जमानत मिलते ही रिहा कर दिए जाएंगे। अभी तक जमानत के लिए पेशी और जमानत न मिलने पर फिर जेल ले जाने की प्रक्रिया में दिनभर पुलिस लगी रहती थी।