Independence Day 2022: पीएम मोदी ने कहीं ये खास बातें
Independence Day 2022: 2014 में देश के नागरिकों ने मुझे देश का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी। मैं आजादी के बाद पैदा हुआ पहला व्यक्ति हूं जिसे इस लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करने का अवसर मिला है।
Independence Day 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते किया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं जिनमें खास उद्धरण यह रहे :
- मैं इस स्वतंत्रता दिवस पर सभी भारतीयों और भारत से प्यार करने वालों को बधाई देता हूं। नए संकल्प के साथ नई दिशा की ओर कदम बढ़ाने का दिन है। भारत का झंडा अब पूरी दुनिया में ऊंचा फहराता है।
- देश के नागरिक महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब अम्बेडकर और वीर सावरकर के आभारी हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह देश मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल और हमारे असंख्य क्रांतिकारियों का आभारी है जिन्होंने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी।
- जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं, तो हम आदिवासी समुदाय को नहीं भूल सकते। भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू-कान्हू, अल्लूरी सीताराम राजू, गोविंद गुरु - ऐसे असंख्य नाम हैं जो स्वतंत्रता संग्राम की आवाज बने और आदिवासी समुदाय को देश के लिए जीने और मरने के लिए प्रेरित किया।
- भारत लोकतंत्र की जननी है। पिछले 75 सालों में भारत ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। इन वर्षों में दुख भी हुए हैं और उपलब्धियां भी। हमें प्राकृतिक आपदाओं, युद्धों और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन अनेकता में एकता हमारी मार्गदर्शक शक्ति बनी।
- 2014 में देश के नागरिकों ने मुझे देश का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी। मैं आजादी के बाद पैदा हुआ पहला व्यक्ति हूं जिसे इस लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करने का अवसर मिला है।
- 'हर घर तिरंगा' अभियान हमारे गौरवशाली देश की भावना का जश्न मनाने के लिए पूरे देश के एक साथ आने का एक उदाहरण है।
- आने वाले वर्षों में हमें पंचप्राण (पांच वादे) पर ध्यान देना होगा - पहला, बड़े संकल्पों और विकसित भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ना; दूसरा, दासता के सभी निशान मिटा दें; तीसरा, अपनी विरासत पर गर्व करें; चौथा, हमारी एकता की ताकत पर ध्यान दें; और पांचवां, नागरिकों के कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाएं, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को भी यही करना चाहिए।
- 130 करोड़ लोगों की टीम इंडिया को अगले 25 वर्षों में देश को आगे ले जाना है और यह सुनिश्चित करना है कि यह एक विकसित राष्ट्र बने।
- 75 वर्षों के बाद, हमने स्वतंत्रता दिवस के तोपों की सलामी के दौरान एक मेड-इन-इंडिया हथियार की गर्व की आवाज सुनी है। मैं इस उपलब्धि के लिए सशस्त्र बलों को सलाम करता हूं।
- मैं उन बच्चों को भी सलाम करता हूं जो आयातित खिलौनों को ना कह रहे हैं। जब 5 साल का बच्चा कहता है कि विदेशी नहीं है, तो आत्मनिर्भर भारत उसकी रगों में दौड़ता है।
- लाल बहादुर शास्त्री जी का "जय जवान, जय किसान" का नारा हमें हमेशा याद रहता है। बाद में, अटल बिहारी वाजपेयी ने इस नारे में "जय विज्ञान" जोड़ा। अब, हमें "जय अनुसंधान" जोड़ने की जरूरत है। जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान।