India Alert From China: हिन्द महासागर में घुसा चीन का जासूसी जहाज

China Spy Ship: 22,000 टन से अधिक वजनी "युआन वांग -6", बड़े एंटीना, उन्नत निगरानी उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक जासूसी में सक्षम सेंसर से लैस है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-11-05 10:25 IST

Yuan Wang 6 (photo: social media )

China Spy Ship: चीन का एक अनुसंधान और अंतरिक्ष-ट्रैकिंग पोत हिंद महासागर क्षेत्र मंे ऐसे समय में घूम रहा है जब भारत बंगाल की खाड़ी में मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है। अगस्त में हंबनटोटा में इसी तरह के एक चीनी जासूसी जहाज के डॉकिंग के कारण भारत और श्रीलंका के बीच एक बड़ा राजनयिक विवाद हुआ था।

22,000 टन से अधिक वजनी "युआन वांग -6", बड़े एंटीना, उन्नत निगरानी उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक जासूसी में सक्षम सेंसर से लैस है। ये जहाज उपग्रह प्रक्षेपण की निगरानी और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की ट्रैकिंग करता है। इंडोनेशिया में बाली तट से शुक्रवार की सुबह ये रवाना हुआ था। युआन वांग -6, लगभग 400 सदस्यीय चालक दल के साथ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सामरिक समर्थन बल की कमान के अधीन है।

भारतीय नौसेना युआन वांग -6 की "बारीकी से निगरानी" कर रही है। भारत ने इससे पहले 10 -11 नवंबर को लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण के लिए बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक विस्तारित नो-फ्लाई ज़ोन के साथ एक नोटिस जारी किया था। भारत द्वारा स्वदेशी दो स्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (बीएमडी) प्रणाली के दूसरे चरण के लिए एक नई एडी-1 इंटरसेप्टर मिसाइल का भी दो दिन पहले ओडिशा तट के अब्दुल कलाम द्वीप से परीक्षण किया गया था।

बैलिस्टिक मिसाइल का यूजर-ट्रायल

मौजूदा स्थिति के चलते स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड द्वारा अगले सप्ताह अग्नि सीरीज की बैलिस्टिक मिसाइल का यूजर-ट्रायल अब टाले जाने की संभावना है। चीन नियमित रूप से तकनीकी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए हिन्द महासागर क्षेत्र में नियमित रूप से ऐसे जासूसी जहाज भेजता रहा है, अक्सर उस समय जब भारत अपनी मिसाइलों का परीक्षण करता है। इस तरह के जहाज बैलिस्टिक मिसाइलों की गति, सटीकता और सीमा को ट्रैक कर सकते हैं।

अगस्त की शुरुआत में, भारत ने श्रीलंका के हंबनटोटा के दक्षिणी बंदरगाह पर युआन वांग -5 के डॉकिंग के बारे में श्रीलंका को अपनी गंभीर चिंताओं से अवगत कराया था। शुरू में कोलंबो ने चीनी पोत की डॉकिंग को स्थगित करने की बात कही थी, लेकिन फिर यू-टर्न में इसे 16 से 22 अगस्त तक डॉकिंग की अनुमति दे दी थी। अमेरिका ने भी हंबनटोटा में चीनी पोत की उपस्थिति पर नाराजगी जताई थी।

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