Cyber Crime in India: साइबर अपराधों का केंद्र बनता भारत

Cyber Crime in India: भारत सरकार ने मई में चेतावनी जारी की थी कि डिजिटल गिरफ्तारियों के मामलों की संख्या बढ़ रही है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-10-03 15:14 IST

Cyber Crime in India   (photo: soical media )

Cyber Crime in India: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक 2021 में भारत में साइबर अपराध के कुल 52,974 मामले दर्ज किए गए थे जबकि साल 2022 में ये लगभग 24 फीसदी बढ़कर 65,893 हो गए।

ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग के शोधकर्ताओं ने इसी साल दुनिया का पहला साइबर क्राइम इंडेक्स जारी किया था, जिसमें भारत को खास जगह मिली थी। मैपिंग ग्लोबल जियोग्राफी ऑफ साइबर क्राइम विद द वर्ल्ड साइबर क्राइम इंडेक्स शीर्षक से जारी एक शोध में विशेषज्ञों ने बताया है कि कहां-कहां साइबर अपराध सबसे ज्यादा हो रहे हैं। इस सूची में 15 देशों के नाम हैं। इंडेक्स में रूस को साइबर क्राइम का सबसे बड़ा गढ़ बताया गया। यूक्रेन इंडेक्स में दूसरे और चीन तीसरे नंबर पर है। रूस के साथ मिलकर ये दोनों देश साइबर क्राइम के सबसे बड़े अड्डे बताए गए हैं।

साइबर क्राइम की सूची में टॉप 10 में शामिल ये देश 

शोधकर्ताओं का कहना है कि सूची में शामिल रूस, यूक्रेन, चीन, अमेरिका, रोमानिया और नाइजीरिया ऐसे देश हैं, जो हर तरह के साइबर क्राइम की सूची में टॉप 10 में शामिल हैं। सूची में भारत दसवें नंबर पर है। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में तकनीकी साइबर अपराधों का खतरा तो ज्यादा नहीं है लेकिन वह स्कैम या धोखाधड़ी का केंद्र है। 2022 में अमेरिका ने कहा था कि भारतीय ठगों ने अमेरिकी नागरिकों से आठ खरब रुपये ठगे। सूची कहती है कि दुनिया के 15 देशों से साइबर अपराध होने का खतरा बाकी देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है लेकिन अन्य देश भी अछूते नहीं हैं।


चेता चुकी है सरकार

भारत सरकार ने मई में चेतावनी जारी की थी कि डिजिटल गिरफ्तारियों के मामलों की संख्या बढ़ रही है। इन मामलों में साइबर अपराधी कभी-कभी पुलिस की वर्दी पहनकर या पुलिस स्टेशन या सरकारी दफ्तरों जैसे स्टूडियो से काम करते हैं। ऐसे 1,000 से अधिक स्काइप आईडी को ब्लॉक किया गया है। चेतावनी में गृह मंत्रालय ने कहा था कि संभव है इसे सीमा पार स्थित आपराधिक गिरोह अंजाम दे रहे हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक ये ठग आमतौर पर संभावित पीड़ित से फोन पर संपर्क करते हैं और कहते हैं कि वे किसी अवैध गतिविधि में शामिल पाए गए हैं। मसलन, उन्होंने कोई पार्सल भेजा है या हासिल किया है, जिसमें अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या कोई अन्य प्रतिबंधित चीज है। या फिर वे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में संदिग्ध हैं। ऐसे कथित मामले में समझौता करने के लिए पैसे की मांग की जाती है। कुछ मामलों में पीड़ितों को डिजिटल अरेस्ट का सामना करना पड़ता है। कई मामलों में मांग पूरी न होने तक पीड़ित को स्काइप या अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन मौजूद रहने पर मजबूर किया जाता है।



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