अमेरिका की धमकी से नहीं डरता भारत, रूस से खरीदेगा ये खतरनाक हथियार

यह शक्तिशाली मिसाइल सिस्टम एस-400 करीब 380 किमी की रेंज में ड्रोन, लड़ाकू विमान, जासूसी विमान, मिसाइल और बमवर्षक विमानों को पहचान करके उन्हेंट मार गिराने में सक्षम है।

Update: 2021-01-11 07:00 GMT
अमेरिका की धमकी से नहीं डरता भारत, रूस से खरीदेगा ये खतरनाक हथियार

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के बाद भारतीय सेना अब सतर्क हो गई है और चीनियों के पैंतरेबाजी को बखूबी समझ गया है। जिसके बाद भारत अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए रूस (Russia) से शक्तिशाली एस 400 ट्रायंफ मिसाइल सिस्टम (S-400 Missile System) की खरीद के लिए पूरी तरह से आगे बढ़ रहा है।

एस-400 लंबी दूरी तक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल

बात दें कि एस-400 (S-400 Missile System)रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी तक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में जानी जाती है। पिछले महीने रूस ने कहा था कि अमेरिकी पाबंदियों की धमकी के बावजूद एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति समेत वर्तमान रक्षा सौदों को आगे बढ़ाया जा रहा है। सितंबर-अक्टूबर में इसकी डिलीवरी शुरू होने से पहले भारतीय वायुसेना की बड़ी टीम इस महीने के अंत तक रूस का दौरा करेगी।

मिसाइल सिस्टम अप्रैल 2023 तक भारत में

भारत ने अक्टूबर, 2018 में रूस से पांच एस-400 मोबाइल स्‍क्‍वाड्रन खरीदने के लिए 5.43 अरब डॉलर का सौदा किया था। भारत ने इस मिसाइल प्रणाली के लिए रूस को 2019 में 80 करोड डॉलर की पहली किश्त का भुगतान किया था। वहीं ये मिसाइल सिस्टम अप्रैल 2023 तक भारत आने की संभावना है।

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जासूसी विमान को मार गिराएं

यह शक्तिशाली मिसाइल सिस्टम एस-400 करीब 380 किमी की रेंज में ड्रोन, लड़ाकू विमान, जासूसी विमान, मिसाइल और बमवर्षक विमानों को पहचान करके उन्हेंट मार गिराने में सक्षम है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार चीन और पाकिस्ताषन के खतरे को देखते हुए इसे पश्चिमी, उत्त री और पूर्वी सेक्टार में तैनात किया जाएगा।

करीब 100 अफसरों की एक बड़ी टीम जनवरी के आखिरी हफ्ते में रूस जाएगी। ये अफसर वहां एस 400 को चलाने और उसके रखरखाव को लेकर पूर्ण प्रशिक्षण लेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार रविवार को रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से पता चला है कि सितंबर-अक्टूसबर में इसकी डिलीवरी शुरू होगी। एस-400 की पहली स्‍क्‍वाड्रन भारत में 2021 के अंत या 2022 की शुरुआत में काम करना शुरू कर देगी।

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भारत की हमेशा स्वतंत्र विदेश नीति रही है

अमेरिकी कांग्रेस से जुड़ी एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी है कि रूस निर्मित एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अरबों डॉलर के भारत के सौदे को लेकर अमेरिका उस पर पाबंदियां लगा सकता है। वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत की हमेशा स्वतंत्र विदेश नीति रही है जो इसकी रक्षा खरीद और आपूर्ति पर भी लागू होती है।

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