India Defence Export: आकाश, पिनाका, ब्रह्मोस! दुनिया मांग रही भारत से हथियार, लिस्ट में अमेरिका और फ्रांस भी

India Defence Export: भारत के हथियारों के सबसे बड़े खरीददार के तौर पर आर्मेनिया लिस्ट में टॉप पर है। 2024 अप्रैल में भारत ने फिलीपींस के साथ 375 मिलियन डॉलर की डील के तहत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की डिलीवरी दी थी।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update:2024-10-28 12:41 IST

India Defence Export  (photo: social media ) 

India Defence Export: रक्षा के क्षेत्र में भारत अब काफी आगे बढ़ गया है। भारत अपने देश में एयरक्राफ्ट, बुलेटप्रूफ जैकेट, नाइट विजन उपकरण, आर्टिलरी गन, रडार, मिसाइलें सहित कई उपकरण बना रहा है। यही नहीं भारत अब काफी संख्या में इन हथियारों का निर्यात भी दूसरे देशों को कर रहा है। भारत से हथियार खरीदने वालों में सुपरपावर अमेरिका और फ्रांस जैसे देश भी शामिल हैं। भारत की सरकारी और निजी सेक्टर की कंपनियां करीब 100 देशों को अलग-अलग तरह के हथियार और उपकरण निर्यात कर रही हैं।

हथियारों के निर्यात के मामले में अब का भारत बीते दशकों के तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त करने की ओर लगातार बढ़ रहा है। दुनिया भर में भारत के हथियारों की मांग बढ़ी है। भारत के हथियारों के सबसे बड़े खरीददार के तौर पर आर्मेनिया लिस्ट में टॉप पर है। 2024 अप्रैल में भारत ने फिलीपींस के साथ 375 मिलियन डॉलर की डील के तहत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की डिलीवरी दी थी।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आर्मेनिया ने भारत को आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, पिनाका मल्टी लॉन्च रॉकेट सिस्टम और 155 एमएम की आर्टिलरी गन का बड़ा ऑर्डर दिया है। भारत के हथियारों के खरीददारों की टॉप थ्री लिस्ट में आर्मेनिया के साथ अमेरिका और फ्रांस भी शामिल हैं।

भारत के पास हथियारों की 2.6 बिलियन डॉलर की ऑर्डर

इस समय भारत अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया को अपने हथियार निर्यात करने में टॉप पर है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास सैन्य हथियारों के निर्यात के लिए 2.6 बिलियन डॉलर यानी करीब 21 हजार करोड़ का ऑर्डर बुक है।

ब्रह्मास्त्र से लेकर बख्तरबंद गाड़ियों तक की डिमांड

भारत इस समय ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर डोर्नियर-228 एयरक्राफ्ट, बुलेटप्रूफ जैकेट, नाइट विजन उपकरण, आर्टिलरी गन, रडार, आकाश मिसाइल, पिनाका रॉकेट और बख्तरबंद गाड़ियों का निर्यात कर रहा है। जहां अमेरिका को भारत एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर के पंखों और अन्य हिस्सों का निर्यात करता है तो वहीं, फ्रांस को सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का निर्यात करता है।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को भारत का ब्रह्मास्त्र कहा जाता है। इस हथियार को पाने के लिए फिलीपींस समेत कई देश कतार में हैं। भारत की कोशिश है कि दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, इंडोनेशिया और मिस्र समेंत कम से कम 10 देशों में इसके निर्यात को बढ़ावा मिले।

भारत का क्या है लक्ष्य?

भारत में डिफेंस सेक्टर लगातार मजबूत हो रहा है। 2023-24 में भारत का सालाना डिफेंस प्रोडक्शन 1.2 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है। मोदी सरकार इसे बढ़ाकर 2028-29 तक 3 लाख करोड़ तक पहुंचाने की कोशिश में जुटी है। वहीं सरकारी डिफेंस कंपनियों के साथ ही भारत में निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। इन निजी क्षेत्रों की कंपनियों का निर्यात में 21 फीसदी हिस्सा है। वहीं हथियारों के मामले में भारत आत्मनिर्भर भी होने की तरफ अग्रसर है।

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