देश की पहली रैपिड ट्रेन: यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब घंटों का सफर मिनटों में होगा तय
India's First Rapid Rail: भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन का सफर करने का इंतजार कर रहे यात्रियों के लिए खुशखबरी है। कि अब उन्हें इंतजार की घड़ियां नहीं देखनी होगीं।
India's First Rapid Rail: देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन पर जल्द ही सफर करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। दिल्ली-मेरठ रूट पर चलाई जाने वाली ये देश की पहली रैपिड ट्रेन है। जिसे भारत सरकार को सौंप दिया गया है। इस ट्रेन का रनिंग रूट प्रोग्राम भी तैयार कर लिया गया है। बस कुछ ही महीनों में इस ट्रेन का संचालन गाजियाबाद के रास्ते दिल्ली के सराय काले खां से होते हुए मेरठ के बीच में किया जाएगा।
भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन का सफर करने का इंतजार कर रहे यात्रियों के लिए खुशखबरी है। कि अब उन्हें इंतजार की घड़ियां नहीं देखनी होगीं। जीं हां बता दें कि रीजनल रैपिड ट्रेन को पटरी पर उतार दिया गया है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली परिवहन निगम (NCRTC) ने इस ट्रेन का ट्रायल रन अगस्त में तय किया है।
दिल्लीवासियों का सफर आसान
यात्रियों को बता दें, कि इस ट्रेन के चलने से केवल मेरठ ही नहीं बल्कि दिल्लीवासियों का सफर भी बहुत आसान हो जाएगा। क्योंकि पहले दिल्ली जाने में काफी अधिक समय लगता था, लेकिन अब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन से बहुत कम समय में ही दिल्ली की यात्रा पूरी कर पाएंगे।
इस सुहाना सफर वाली रैपिड ट्रेन का संचालन जल्द ही गाजियाबाद के रास्ते दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के बीच में किया जाएगा।
ट्रेन के ट्रायल रूट के बारे में जानकारी देते हुए आपको बता दें कि सबसे पहले इस ट्रेन का ट्रायल दुहाई से साहिबाबाद के बीच किया जाएगा। इस ट्रेन को इसी साल अगस्त से दिसंबर के आखिर तक चलने की संभावना जताई जा रही है।
दरअसल रेलवे ने रैपिड रेल के ट्रायल को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। ऐसे में एक बार जैसे ही ट्रेन का ट्रायल सफल हो गया, उसके बाद साल 2023 की शुरुआत से इन स्टेशनों के बीच ट्रेन का संचालन सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा।
इसके लिए पहले चरण में दिल्ली से गाजियाबाद के बीच रैपिड रेल कॉरिडोर का कार्य बहुत तेजी से जारी है। जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
आपको बता दें कि गुजरात के सावली प्लांट से राजस्थान-हरियाणा होते हुए 6 बड़े ट्रेलर पर लादकर इस ट्रेन की बोगियों को गाजियाबाद के दुहाई लाया गया है। इसके बाद यहां आकर इंजीनियरों की टीम ने सोमवार को पूरी ट्रेन को असेम्बल किया और इसे पटरी पर खड़ा किया।