भारत का अटैक: चीन को लगा तगड़ा झटका, बिगड़े आर्थिक हालात
सरकार ने सख्त कदम उठाने हुए पहले चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया, तो वहीं अब चीन की कारोबारिक गतिविधियों को भी झटका दिया है।
नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच का विवाद सिर्फ लद्दाख बॉर्डर तक ही नही बल्कि व्यापारिक क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में एलएसी पर भारतीय क्षेत्रों को कब्जाने की कोशिश कर रहे चीन को भारत सरकार झटके पर झटका दे रही है।
भारत ने दिया चीन को झटका
गलवान घाटी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई तो सेना तो एक्टिव हुई ही, भारत सरकार भी चीन को सबक सिखाने के लिए एक्टिव हो गयी। सरकार ने सख्त कदम उठाने हुए पहले चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। तो वहीं अब चीन की कारोबारिक गतिविधियों को भी झटका दिया है।
चीन का घटा आयात, बढ़ाया निर्यात
भारत ने चीन के साथ कई कारोबारी समझौते रद्द कर दिए। भारत ने पिछले कुछ महीनों में चीन से आयात को बहुत कम कर दिया। इतना ही नहीं चीन को निर्यात बढ़ा दिया।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2020 के पहले 11 महीनों में भारत की ओर से चीन को किया गया निर्यात 16 फीसदी बढ़ गया है। वहीं भारत ने चीन से 13 फीसदी कम आयात किया।
चीन से 13 फीसदी आयात हुआ कम
चीन से आयात में कमी होने के कारण इस साल 569 अरब डॉलर का आयात ही हो सका। इस कदम से बौखलाया चीनी मीडिया दावा कर रहा है कि राष्ट्रपति जिनपिंग ने दोनों देश के बीच के सीमा विवाद का राजनीतिकरण नहीं किया। उनका आरोप है कि सीमा विवाद के चलते ही नई दिल्ली ने चीन से होने वाले आयात पर रोक लगा दी।
11 महीनों में 569 अरब डॉलर का आयात
कहा ये भी जा रहा है कि कोरोना वायरस के चलते भारत मे डिमांड कम हुई, ऐसे में भारत का चीन से आयात भी कम हुआ।
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आज सीमा शुल्क आंकड़ों को जारी किया गया, जिसके मुताबिक, चीन ने जनवरी से नवंबर 2020 तक भारत में करीब 59 अरब डॉलर के उत्पादों का निर्यात किया, जो 13 फीसदी से कम है। इस साल पहले 10 महीनों में 16.2 फीसदी की गिरावट के मुकाबले यह गिरावट थोड़ी कम हुई है।
भारत ने चीन में किया 16 फीसदी ज्यादा निर्यात
वहीं अगर निर्यात की बात करें तो इस साल चीन को पिछले साल की तुलना में भारत ने 16 फीसदी ज्यादा निर्यात किया। ऐसे में भारत की आर्थिक स्थिति तो बरकरार रही लेकिन चीन को बड़ा झटका लगा। उन्होंने इसे भारत का चयन के प्रति पक्षपात पूर्ण रवैया माना।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत से चीन का आयात पहले 11 महीनों में लगभग 19 अरब डॉलर मूल्य का था, जिसमें 16 फीसदी की बढ़ोतरी है।